02.09.2011 ►Kelwa ►Serving of Mother is Devotion ►Acharya Mahashraman

Published: 02.09.2011
Updated: 21.07.2015

Short News in English

Location: Kelwa
Headline: Serving of Mother is Devotion ►Acharya Mahashraman
News: Acharya Mahashraman while making Pravachan on seventh day of Paryushan told that serving of mother is not less then devotion. Lord Mahavir give due respect to his mother. Ladies should be careful to protect their child in womb. Mother is first teacher of his child.

News in Hindi

भक्ति का परिचायक है मां की सेवा: महाश्रमण

02 SEPTEMBER 2011 Jain Terapnth News

आज मनाई संवत्सरी ठ्ठ सुबह साढ़े सात बजे शुरू प्रवचन राजसमंद।

आचार्यश्री महाश्रमण ने मां की सेवा को भक्ति का परिचायक बताते हुए कहा कि यह मनुष्य की जन्मदात्री है। जीवन में जितनी इसकी सेवा की जाए वह बहुत मायने रखता है। हृदय सम्राट भगवान महावीर स्वामी ने कुक्षि से बाहर आने के पूर्व ही अपनी मां की सेवा करने का क्रम प्रारंभ कर दिया था और अपनी जन्मदात्री के जीवन के अंतिम समय तक उनकी कृताज्ञता बनी रही। आज के परिवेश में हमें भी इसी तरह की सेवा करने की आवश्यकता है।

तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अधिष्ठाता आचार्यश्री ने उक्त उद्गार यहां तेरापंथ समवसरण में चल रहे चातुर्मास में पर्युषण महापर्व के सातवें दिन गुरूवार को आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। उन्होंने श्रवणकुमार की अपने माता-पिता के प्रति की गई सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज समय के साथ हम अपने माता-पिता के त्याग को भूलते जा रहे है। वर्तमान में हम उनके बेटे है, कल हम भी माता-पिता बनेंगे। हमारी संतान का भी रवैया इसी तरह रहेगा तो इसका दोष किसे देंगे।

यह विचारणीय प्रश्न है। उन्होंने महिलाओं से आहृान किया कि गर्भस्थ काल के दौरान वे अपनी कुक्षि में पल रहे बच्चे की सुरक्षा को लेकर सदैव सचेत रहे। स्वयं के साथ बच्चे को लेकर संयम बरतें। उसे दुनियां में आने से पूर्व ही संस्कारित बनाने के उद्देश्य से मन में अच्छे विचारों का समागम करें। एक मां ही अपने बच्चे की पहली शिक्षिका मानी जाती है। इसलिए वह प्रारंभ से ही अपनी संतान को अच्छी शिक्षा दें और भविष्य में भी उसे प्रेरित करें। भोजन कराने से बढ़ता है प्रेम आचार्यश्री ने कहा कि यदा कदा आयोजित होने वाली भोजन कार्यक्रम में अपने सगे संबधियों और परिचितों को बुलाने से परस्पर प्रेम की भावना बढती है। वात्सल्य पुष्ट करने का मौका मिलता है। साधु-साध्वियों को भी चाहिए कि वे भी अपने अग्रज अथवा अधिनस्थ साधुओं को आहार उपलब्ध कराकर प्रेम में इजाफा करने के कार्य को महत्व दें। छोटी उम्र और बीमार साधुओं ने आहार किया या नहीं। इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है। बच्चे के नामकरण संस्कार को संस्कृति के अनुरूप मानते हुए कहा कि इससे व्यक्ति की पहचान कायम होती है।

जिज्ञासाओं का समाधान होता है मंत्री मुनि सुमेरमल ने भगवती सूत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि यह ऐसा सूत्र है जिसमें उल्लेखित अनेक आगमों से जिज्ञासाओं का समाधान होता है। अन्य समाज के ऋषि, मुनि और तपस्वियों का वर्णन भी इसमें मिलता है। उन्होंने गणित को सत्य के मार्ग में आगे बढने का मार्ग बताते हुए कहा कि इसमें शोध किया जाए तो इसकी एक स्वतंत्र पुस्तक तैयार हो सकती है। इस अवसर पर आचार्यश्री ने उपवास करने वाले 40 से अधिक तपस्वियों का प्रत्याखान किया। सात की तपस्या कर अठाई की ओर अग्रसर केलवा निवासी चिन्मय कोठारी ने आचार्यश्री को नमन कर अपने विचार व्यक्त किए। संयोजन मुनि मोहजीत कुमार ने किया। तपस्वियों का अनुमोदन तेरापंथ महिला मंडल की ओर से गुरूवार को तपस्या करने वाले तपस्वियों का अनुमोदन किया गया। दोपहर दो बजे से तीन बजे तक आयोजित इस कार्यक्रम में रतनदेवी सांखला, पुष्पादेवी बोहरा, शांतिलाल सोलंकी, हस्तीमल सोलंकी, अनिल कोठारी, मूली देवी हिरण और चिन्मय कोठारी की तपस्या का अनुमोदन किया गया।

साथ ही भक्ति कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें महिलाओं ने गीतिका और गीत प्रस्तुत किए। इस अवसर पर श्रीमती कल्पना चव्हान, स्नेहलता कोठारी, रेखा कोठारी, रत्ना कोठारी, नीरू कोठारी, कुसुम सांखला, वनिता बोहरा, रेखा सिंघवी सहित तेरापंथ महिला मंडल की पदाधिकारी और सदस्याएं मौजूद थी। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने की भेंट केलवा कस्बे में निवासरत मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने बुधवार शाम को यहां चातुर्मास कर रहे तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अधिष्ठाता आचार्यश्री महाश्रमण से मुलाकात की और ईद की मुबारकबाद दी।

समाज के सदर शरीफ मोहम्मद, अब्दुल रहमान, अशफाक हुसैन, लियाकत मोहम्मद और अल्ताफ मोहम्मद ने आचार्यश्री से भेंट की। इस दौरान व्यवस्था समिति के स्वागताध्यक्ष परमेश्वर बोहरा, बाबूलाल कोठारी, महेन्द्र कोठारी अपेक्ष आदि मौजूद थे। विवाहिता फंदे पर झूली सागवाड़ा। नगर के निकटवर्ती गामड़ा ब्रामणिया के फला बीड में पुष्पा पत्नी रमेश रोत ने स्वयं के मकान में बली से साड़ी बांधकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक नंदकिशोर वर्मा, एएसआई हिम्मतसिंह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने लाश को सागवाड़ा राजकीय चिकित्सालय ले गए। जहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कर लाश परिजनों को सुपूर्द की। घटना को लेकर मृतका के पिता धीरजी पुत्र जीना डामोर ने बताया कि पुष्पा का पति मुम्बई में रोजगार के लिए गया हुआ है। उसके कोई संतान नहीं है। गुरूवार सुबह घटना का पता चला। मौके पर उपखण्ड अधिकारी रामचंद खराड़ी भी मौके पर पहुंचे।


Sources

Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana

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