Short News in English
Location: | Kelwa |
Headline: | World Peace is Very Important► Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman speaking on world peace day told that if all person work for friendliness then dream of world peace can become easy. World peace is very important. Situation of war did not rise and for this all Nation should pay attention. Bigger nation should not ignore legitimate right of small nation. Diksha of Samani Param Pragya and Samani Preksha Pragya declared. Diksha will be held on November 1. 36th Annual meeting of Mahila Mandal will be held from 22 September. Women’s from 375 different places will participate in Adhiveshan. |
News in Hindi
सभी देश आपस में मैत्री भाव रखें: महाश्रमण
तेरापंथ समवसरण में विश्व शांति दिवस पर महाश्रमण ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के मन में मैत्री का भाव जाग जाए तो विश्व शांति की बात सार्थक हो सकती है, तेरापंथ महिला मंडल का अधिवेशन आज से
केलवा जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो केलवा 22 Sep-2011
आचार्य महाश्रमण ने विश्व शांति दिवस पर शांति स्थापना का संदेश देते हुए कहा कि विश्व में शांति बहुत महत्वपूर्ण है। जब जब युद्ध का प्रसंग आता है अशांति का माहौल बन जाता है। युद्ध की स्थितियां न बनें इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। सभी देश एक दूसरे के साथ मैत्री पूर्ण व्यवहार रखें। किसी देश को दूसरे देश की भूमि हड़पने जैसा अन्यायपूर्ण व्यवहार नहीं करना चाहिए।
आचार्यश्री बुधवार को यहां तेरापंथ समवसरण में चल रहे चातुर्मास के तहत प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व मैत्री की बहुत बड़ी बात है। प्रत्येक व्यक्ति के मन में मैत्री का भाव जाग जाए तो विश्व शांति की बात सार्थक हो सकती है। सभी देशों में परस्पर वैमनस्य न हो, इसके प्रति जागरूकता रहनी चाहिए। उन्होंने चीन को परोक्ष रूप से सीख देते हुए कहा कि दूसरों पर अधिकार जमाने, भूमि हड़पने जैसा अनुचित प्रयास नहीं करना चाहिए। दूसरों को नजरअंदाज कर, छोटा दिखाकर स्वयं को बड़ा दिखाने का प्रयास शांति में बाधक बनता है।
रहो भीतर जीयो बाहर:
आचार्यश्री ने आचार्य महाप्रज्ञ के सूत्र ‘रहो भीतर जीयो बाहर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि हम दुनिया में रहते हुए भी भीतर रहने का अभ्यास करें। भीतर रहने की साधना पुष्ट होगी तो कितनी अच्छी धर्म की आराधना हो जाएगी। अपने आप में रहना, स्थितप्रज्ञता, वीरागता, स्थितात्मा की साधना है।
शत्रुओं के प्रति हो मैत्री भाव:
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि हमारे साथ शत्रुता का व्यवहार करने वाले के भी प्रति मैत्री का भाव रखना चाहिए। जो शत्रुओं को भी मित्र मानता है वह अहिंसक हो सकता है। दयानंद सरस्वती इसके उदाहरण हैं।
दो समणियों की साध्वी दीक्षा घोषित:
आचार्य ने केलवा को इस चातुर्मास में दूसरा दीक्षा समारोह प्रदान किया है। इसके साथ ही केलवा की धरा पर एक ओर इतिहास की इबारत लिखी जाएगी। उन्होंने एक नवंबर को समणी परमप्रज्ञा एवं समणी प्रेक्षा प्रज्ञा को साध्वी दीक्षा प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने पूर्व में इसी दिन गणपतलाल बोहरा को सावधिक समण दीक्षा देने की स्वीकृति प्रदान की थी।
राकेश ने किया 27 दिन का उपवास:
आचार्य महाश्रमण अमृत महोत्सव एवं केलवा चातुर्मास को यादगार बनाने के लिए राकेश चपलोत ने 27 दिन का उपवास किया। चपलोत की तपस्या पर अनुमोदना करते हुए अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मुकेश कोठारी, उषा चपलोत, मीना चपलोत और युवती मंडल ने गीत व वक्तव्यों द्वारा विचार व्यक्त किए।
महिला शक्ति का 36वां वार्षिक अधिवेशन आज:
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल का 36वां वार्षिक अधिवेशन गुरुवार को आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में शुरू होगा। इस अधिवेशन के त्रिदिवसीय कार्यक्रम में मंडल की देश में 375 शाखाओं से महिला शक्ति शामिल होंगी। यह जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष कनक बरमेचा के दी।