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Location: | Rajsamand |
Headline: | Muni Suresh Kumar Did Vihar After Chaturmas |
News: | Muni Suresh Kumar and Muni Sambodh Kumar did vihar after Chaturmas towards Binol. |
News in Hindi
जैन साधु-साध्वियों को नम आंखों से दी विदाई
जैन साधु-साध्वियों को नम आंखों से दी विदाई
चातुर्मास समाप्ति के बाद किया विहार, मंगल भावना समारोह हुए
राजसमंद ११ नवबर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
शहर के नया बाजार स्थित तेरापंथ सभा भवन में चातुर्मास के बाद मुनि सुरेश कुमार हरनावां व मुनि संबोध कुमार ने शुक्रवार सुबह बिनोल की ओर विहार किया। इस दौरान श्रावक व श्राविकाओं ने उन्हें नम आंखों के साथ विदा किया। विहार के अवसर पर उन्हें अहिंसा रैली के साथ सुंदर कॉलोनी तक पहुंचाया गया।
तेरापंथ समाज के श्रावक व श्राविकाओं ने शुक्रवार सुबह सभा भवन से तेरापंथ धर्म संघ व महावीर स्वामी के जयकारों के बीच विदा किया। मुनिवृंद को तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ सभा, कन्या मंडल, ज्ञानशाला व महिला मंडल के सदस्यों ने अहिंसा रैली के रूप में सुंदर कॉलोनी स्थित पितलिया सदन तक पहुंचाया। रैली शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी। इससे पूर्व गुरुवार रात को मंगल भावना समारोह आयोजित किया गया। समारोह में नगर पालिका उपाध्यक्ष अर्जुन मेवाड़ा, तेरापंथ सभा अध्यक्ष मिश्रीलाल बोहरा ने विचार व्यक्त किए। समारोह में तेयुप अध्यक्ष बाबूलाल इंटोदिया, मंत्री धनेंद्र मेहता, महिला मंडल अध्यक्षा मधु चोरडिय़ा, कन्या मंडल संयोजिका जीनल आच्छा, कन्या सुरक्षा सहप्रभारी केसर बापना, किशोर मंडल संयोजक विकास पितलिया, ज्ञानशाला प्रभारी पारसमल पितलिया, प्रकाश सोनी, चंद्रप्रकाश चोरडिय़ा, महेन्द्र कोठारी, संपतराय सोनी, कमलेश बोहरा, महेन्द्र बापना, चंद्रप्रकाश बोहरा, लादुलाल मेहता, बसंतीलाल सरूपरिया सहित बड़ी संख्या में श्रावक व श्राविका उपस्थित थे। मंच संचालन तेरापंथ सभा मंत्री प्रमोद सोनी ने किया।
नाथद्वारा
गत चार महीने से नगर की नई हवेली चौक स्थित तेरापंथ सभा भवन में चातुर्मास कर रहे मुनि जतन कुमार ‘लाडनूं’ व मुनि आनंद कुमार ‘कालू’ ने शुक्रवार सुबह चातुर्मास की समाप्ति पर सभा भवन से विहार किया। सुबह 8.15 बजे मुनियों ने सभा भवन से विहार किया। उनके साथ सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं जुलूस के रूप में साथ चल रहे थे। दोनों मुनि बस स्टैंड स्थित बंशीलाल हिरण, मीठूबाई हिरण के निवास स्थान पर पहुंचे, जहां वे आगामी चार दिनों तक पाथेय प्रदान करेंगे।
बालोतरा तेरापंथ भवन में साध्वी चांद कुमारी व तिलकश्री के सानिध्य में प्रस्थान से पूर्व कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा मंत्री गौतम वेदमूथा ने बताया कि कार्यक्रम में साध्वी चांद कुमारी ने कहा कि श्रावक-श्राविकाओं से हरे-भरे वृक्षों की तरह धर्ममय बनकर मिल-जुलकर रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें भी अपने जीवन में धर्म को अपनाकर जीवन को सार्थक बनाना है। उन्होंने क्षमा याचना करते हुए चातुर्मास की सफलता में सहयोग करने वाले सभी संस्थानों की सराहना की। साध्वीवृंदों की ओर से सामूहिक गीत की भी प्रस्तुति दी गई।
शासनसेवी पुखराज तलेसरा ने मंगल भावना प्रकट कर क्षमा याचना की। तेरापंथ भवन से विहार कर मुख्य बाजार होते हुए साध्वियों ने चंपालाल बालड़ के यहां पहुंची जहां उन्होंने मंगल पाठ सुनाया। इस अवसर पर कई श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
मंगल भावना समारोह का आयोजन
बालोतरा असाडा गांव स्थित तेरापंथ भवन में साध्वी गुलाब कंवर के सानिध्य में मंगल भावना समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में किरण व पुनीता भंसाली ने मंगलाचरण किया। साध्वी के चातुर्मास प्रवास के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार वितरित किए गए। रिंकू भंसाली को जैन विद्या कार्यशाला में पूरे भारत में सातवां स्थान प्राप्त करने पर सभा मंत्री प्रवीण जैन, जवाहर भंसाली व कांति देवी की ओर से पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम के दौरान साध्वी संकल्पप्रभा, प्रसन्नप्रभा, भानु कुमारी व हेमरेखा ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन पीयूष बालड़ ने किया। इस अवसर पर इंद्रचंद भंसाली, मांगीलाल भंसाली, जसराज संकलेचा सहित कई श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे
साध्वी रतनश्री ने तेरापंथ भवन से किया विहार
भिवानी
आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी रतनश्री ने अपने सफल चातुर्मास के बाद तेरापंथ भवन से विहार किया। विहार से पूर्व भवन में राजा प्रदेशी का व्याख्यान सुनाया गया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार संतो की संगति से दुष्ट राजा प्रदेशी भी देवताओं की योनि में चला गया। उन्होंने लोगों से जीवन में धर्म व नैतिकता को धारण करते रहने का उपदेश दिया। साध्वी ने कहा कि संत तो चलते पानी की तरह आते है और लोगों को सत्य मार्ग पर चलने की शिक्षा देकर अगले पड़ाव की ओर चल पड़ते है। उन्होंने कहा कि आत्म धर्म को नहीं भूलना चाहिए। संतो की तो रीत यही है एक स्थान से प्रीत नहीं है। सभी स्थान संतो के लिए प्रिय होते है और जहां भी जाते है वहीं उनका स्वागत होता है। साध्वी श्री तेरापंथ भवन से जुलूस की शक्ल में विकास नगर, कृष्ण खरकिया के आवास पर पहुंची। साध्वी श्री का कुछ दिन नगर के उप नगरों में प्रवचन का कार्यक्रम चलेगा। इस अवसर पर सीएल बंसल, सुरेंद्र जैन एडवोकेट, सुभाष जैन, रमेश बंसल, विकास जैन, विनोद जैन, आनंद जैन, धर्मपाल जैन, टेकचंद जैन, प्रेमलता जैन, कुसुम जैन, मंजू जैन, मैना सेठिया, रवि, विशाल और भरत सोलंकी तथा भुरू जैन आदि थे।
पाली में भी साध्वी श्री भीखाजी का विहार
तेरापंथ भवन से साध्वी भीखां के साथ साध्वियों ने आदर्श नगर के लिए विहार किया। इस मौके पर तेरापंथ धर्मसंघ के लोगों ने साध्वियों को शीश नवाकर आशीर्वाद लिया।
चार महीने का चातुर्मास
चातुर्मास आषाढ़ की पूर्णिमा से कार्तिक मास की पूर्णिमा तक होता है। इन चार महीनों में वर्षा होने से पौधें अधिक उगते हैं। जीव-जंतु भी पनपते हैं। इस वजह से साधु-साध्वियां एक स्थान पर निवास कर धर्म आराधना करते हैं। ऐसा करने से किसी जीव के पैरों में आने से हिंसा होने की आशंका भी नहीं रहती।
विहार यानि प्रस्थान
विहार का अर्थ है प्रस्थान करना। चातुर्मास के बाद संत व साध्वियां आठ माह तक विहार कर गांव-गांव में धर्म का उपदेश देते है। एक ही स्थान पर रहने से वहां के लोगों से लगाव हो सकता है। इस कारण संत व साध्वियां विहार करते है। इससे धर्म का भी प्रचार होता है।