Short News in English
Nandasha: 21.11.2011
Acharya Mahashraman: Ahimsa Yatra is Necessary for Moral Values
News in Hindi
नैतिक मूल्यों के लिए अहिंसा यात्रा आवश्यक: आचार्य महाश्रमण
नांदशा गाव 21 नवम्बर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि अहिंसा पर विचार करते हुए हमारे पास दो विकल्प हैं। व्यक्ति और समाज। व्यक्ति अनेक हैं और वे अपने भावों से संचालित है। समाज व्यक्ति से संचालित होता है। नैतिक मूल्यों के विकास के लिए अहिंसा यात्रा अति आवश्यक है। अहिंसा के सकारात्मक भाव हैं। वे रविवार को नांदशा में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने भी समारोह को संबोधित किया। आचार्य महाश्रमण व धवलसेना ने अहिंसा यात्रा के साथ रविवार को सुबह नौ बजे नांदशा में प्रवेश किया। विद्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाएं एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। आचार्य महाश्रमण सोमवार को सुबह नौ बजे धवल सेना के साथ आमली गांव में प्रवेश करेंगे। जहां ग्रामीणों द्वारा आचार्य महाश्रमण का भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया जाएगा।
कस्बावासियों ने दी भावभीनी विदाई
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आचार्य महाश्रमण के दो दिवसीय गंगापुर प्रवास के बाद रविवार सुबह पांच बजे उन्होंने कस्बे से विहार किया। इस दौरान आचार्यश्री को विदाई देने के लिए समाज सहित गणमान्य नागरिकों का सैलाब उमड़ पड़ा। आचार्यश्री का विहार शिव रती दरवाजे से होकर के नांदशा की ओर हुआ। एक किमी तक कस्बेवासी आचार्यश्री के साथ चलते रहे। कस्बेवासियों ने आचार्यश्री का आशीर्वाद लेकर भावभीनी विदाई दी।