Short News in English
Location: | Bhilwara |
Headline: | Avoid Ego to Get Peace► Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman welcomed when he reached Bhilwara. Former Chief Minister of Madhya pradesh Sri Digvijay Singh also welcomed Acharya Mahashraman and seeks his blessing. Acharya Mahashraman told people to avoid anger and ego to get peace. |
News in Hindi
अहंकार से बचो, धन का घमंड मत करो -आचार्यश्री ने दी यह सीख
05दिसम्बर 2011जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
गुस्सा व अहंकार छोड़ो शांति मिलेगी।
कषाय के प्रयोग से चेतना अपवित्र होती है।
शांति से क्रोध को जीतने का प्रयास करें।
पति पत्नी को व पत्नी पति को समझे और सहन करें।
अहंकार व गुस्सा आपस में दोस्त हैं।
आदमी को अहंकार से बचना चाहिए।
धन का कभी घमंड नहीं करना चाहिए।
मृदुता से ही अहंकार को जीता जा सकता है।
कषाय से आदमी कमजोर व दुखी बनता है।
पाप का बाप लोभ है।
सरल जीवन में ही रहेगी पवित्रता।
शिष्टाचार से प्रेम बढ़ता है।
यहां करेंगे चातुर्मास
तेरापंथी सभा के मंत्री बोरदिया ने बताया कि आचार्यश्री का 2012 का चातुर्मास जसोल(बालोतरा), 13 का लाडनूं, 14 का दिल्ली, 15 का नेपाल, 16 का गुवाहाटी व 2017 का चातुर्मास कोलकाता में होगा।
स्वागत में बिछाई पलकें
सुबह आचार्यश्री पुर से विहार कर भीलवाड़ा के लिए रवाना हुए तो मार्ग में जगह-जगह उनके स्वागत में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे। कोई शीश नवा कर तो कोई चरण स्पर्श कर आस्था प्रकट कर रहा था। पुर ओवरब्रिज पर अगवानी के बाद आचार्यश्री का बापूनगर तेरापंथ भवन में पावन स्पर्श हुआ। यहां महाप्रज्ञ सेवा संस्थान, स्थानकवासी समाज, जीनगर व स्वर्णकार समाज ने आचार्यश्री का स्वागत किया। यहां से वे रेलवे फाटक पहुंचे।
नगर परिषद ने किया अभिनंदन
संपूर्ण नगरवासियों की ओर से नगर परिषद सभापति अनिल बल्दवा, विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी, कलेक्टर ओंकारसिंह, नगर परिषद आयुक्त रुस्तमअली शेख, भाजपा जिलाध्यक्ष सुभाष बहेडिय़ा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल डांगी, तेरापंथी सभा अध्यक्ष भैरूलाल बापना ने शुभकामना व मंगल भावना युक्त अभिनंदन पत्र भेंट किया।
दिग्गीराजा भी हुए उपस्थित
विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजयसिंह भी उपस्थित हुए। वे कुछ देर ठहर वापस निकल गए।
नगर संवाददाता भीलवाड़ा
05दिसम्बर 2011जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्यश्री महाश्रमण ने कहा कि गुस्सा करने के बजाय एक-दूसरे को समझो और सहन करो। गलती करे तो कहो, लेकिन मौके पर शांत रहो। कषाय व अकषाय दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।
कषाय चेतना को कलुषित करने वाला तत्व हैं, इससे बचना चाहिए। वे रविवार सुबह शास्त्रीनगर स्थित अमृत समवसरण में प्रवचन में बोल रहे थे। उन्होंने आचार्यश्री महाप्रज्ञ द्वारा लिखित संबोधि ग्रंथ के बारे में बताते हुए कहा कि यह ग्रंथ भी भगवत गीता की तर्ज पर ही हैं। गीता में भगवान कृष्ण व अर्जुन का संवाद चलता हैं। संवाद के माध्यम से महत्वपूर्ण पथ दर्शन दिया हैं।
आचार्य महाप्रज्ञ ने भी संबोधि ग्रंथ का निर्माण किया और आचार्यश्री तुलसी व मुनि विग का संवाद चलाया। संवाद के माध्यम से ही जैन दर्शन की बातें प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि कषाय अशांति व तनाव पैदा करता है। साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा ने कहा कि आचार्यश्री अमृतमय हैं, जो जन-जन को अमृत बांट रहे हैं। समणी ने नमस्कार मंत्र को उच्च मंत्र बताते हुए कहा कि उसकी साधना करने वाला व्यक्ति अपने आप को निर्मल व तेजस्वी बना सकता है। विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी कलेक्टर ओंकारसिंह, नगर परिषद सभापति अनिल बल्दवा, माहेश्वरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल सोनी ने भी विचार व्यक्त किए। महिला व युवती मंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री शैलेंद्र बोरदिया ने किया। विभिन्न समाजों व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
आचार्यश्री की चाहत अहिंसा
आचार्यश्री ने कहा कि भीलवाड़ा औद्योगिक नगरी के साथ धर्मनगरी भी हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि बाजार व दुकान में नैतिकता की देवी बिराजमान रहे। उसकी फोटो भले ही नहीं लगे, बल्कि उसके प्रति भावना रहे। किसी ग्राहक से धोखा न हो। ईमानदारी अपनाएं। उन्होंने कहा कि जनता के व्यवहार में अहिंसा की देवी प्रतिष्ठित हो जाए तो नगर की सुषमा और बढ़ जाएगी।
शास्त्रीनगर अमृत समवसरण में धर्मसभा में बोले आचार्य महाश्रमण, प्रवचन में उमड़े श्रावक-श्राविकाएं, जनप्रतिनिधियों, विभिन्न समाजों व संगठनों के प्रतिनिधियों की रही उपस्थिति