Short News in English
Location: | Bhilwara |
Headline: | Grand Welcome of Acharya Mahashraman in Bhilwara |
News: | Acharya Mahashraman reached Bhilwara. He told people that Sadhana can give mental peace. Thousands of students joined Jan Chetana Rally and took vow to stay addict free. Local M.L.A. and other prominent person welcomed Acharya Mahashraman. Muni Dinesh Kumar told that if you cannot do well for others then also do not give trouble to others. Function was compeered by Muni Mohjeet Kumar. |
News in Hindi
चरण वंदन को उमड़े हजारों मन
साधना शांति का आधार: शास्त्रीनगर अमृत समवसरण में मंगल प्रवचन में बोले आचार्यश्री महाश्रमण, साध्वी प्रमोद श्री ने गीतिका व मुनि हर्षलाल ने भाव व्यक्तकर किया स्वागत
भीलवाड़ा जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो ०६ दिसम्बर २०११
आचार्यश्री महाश्रमण ने कहा कि दुनिया में दुख हैं और प्राणी दुख से डरते हैं। एक बार भगवान महावीर ने गौतम आदि शिष्यों से पूछा, बताओ प्राणियों को भय किससे लगता है। शिष्यों ने कहा आचार्य कृपा कर आप ही उत्तर दें कि प्राणियों को किसका भय लगता है, तो महावीर ने कहा कि प्राणी दुख से डरते हैं। वे सोमवार सुबह शास्त्रीनगर स्थित अमृत समवसरण में मंगल प्रवचन में बोल रहे थे।
उन्होंने दूसरे दिन भी आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा लिखित संबोधि ग्रंथ के आठवें अध्याय का वर्णन करते हुए कहा कि राग-द्वेष के कारण दुख होता है। जिसने इन्हें जीत लिया वह जिन हो जाता है। आचार्यश्री ने कहा कि राग के समान कोई दुख नहीं और त्याग के समान कोई सुख नहीं। राग व द्वेष अनादिकाल से सहचर हैं। इनके कारण ही आत्मा परिभ्रमण करती है। जो व्यक्ति राग-द्वेष से मुक्त हो जाता है वह सुख-शांति प्राप्त कर लेता है। साध्वी प्रमोद श्री ने गीतिका करते हैं चरणों में वंदन, लेकर श्रद्धामय चंदन, दर्शन से मंगल पल मन भाए, सबके मन हर्षाए...प्रस्तुति से तथा मुनि हर्षलाल ने भाव व्यक्त कर आचार्यश्री का स्वागत किया। मुनि सुखलाल ने कहा कि स्वच्छ राष्ट्र के लिए पहला काम विद्यालयों को चरित्रवान बनाएं।
दिनेश मुनि ने कहा कि भला किसी का कर न सको तो बुरा किसी का मत करो। संचालन मोहजीत मुनि ने किया। इस अवसर पर विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी, भाजपा जिलाध्यक्ष सुभाष बहेडिय़ा सहित तेरापंथी समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।