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Lava Sardargarh: 12.01.2012Search Reason of Problems That Will Provide Solution: Acharya Mahashraman.
News in Hindi
समाधान चाहिए तो कारण खोजो- आचार्य महाश्रमण
लावासरदारगढ़ १२ जनवरी २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो सवाददाता
समस्या का समाधान चाहिए तो कारण की खोज करो। कारण को नियंत्रित कर लें तो समस्या नहीं होगी। और समस्या आ भी जाए तब भी कारण खोज कर प्रयास किए जाएं तो निसंदेह समाधान मिलेगा।
यह प्रेरणा आचार्य महाश्रमण ने दी। आचार्य श्री बुधवार को यहां राजकीय चिकित्सालय परिसर में धर्मसभा में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैन विद्या में तीन शब्दों का प्रयोग हुआ है। हेय, देय और उपादेय। हेय वह चीज है, जो छोडऩे लायक है। जैन दर्शन में नव तत्व एक सुंदर संकल्पना है और अध्यात्म साधना की दृष्टि से नव तत्व को समझना आवश्यक भी है। दीक्षार्थी को नव तत्व समझाने के बाद ही दीक्षा देनी चाहिए। आचार्य ने देय और उपादेय को भी विवेचित किया। उन्होंने कहा कि आश्रव ही पुण्य और पाप का जनक है। इसलिए इस पर ध्यान दें। आश्रव मूल कारण है। इस पर ध्यान देने से समस्या का समाधान हो सकता है।
सभा का संयोजन मुनि मोहजीतकुमार ने किया। स्वागत उद्बोधन तेरापंथ सभा सरदारगढ़ के अध्यक्ष डॉ. बसंतीलाल बाबेल ने दिया। मंत्री हस्तीमल कच्छारा, करण लाल चीपड़, पदमचन्द पटावरी, तेयुप अध्यक्ष गणपत हिरण ने भी विचार रखे। हिरण ने आचार्य के भीलवाड़ा चातुर्मास के बाद होने वाला मर्यादा महोत्सव लावासरदारगढ़ में करने का अनुरोध भी किया। इससे पूर्व महिला मंडल व कन्या मंडल ने स्वागत गीतिका प्रस्तुत की।
वर्धमान महोत्सव मिलन का अवसर:
आचार्य ने कहा कि वर्धमान महोत्सव के इस अवसर पर संपूर्ण भारत वर्ष के साधु साध्वियों से भेंट होगी। इस लिहाज से यह महोत्सव हमारे मिलन का अवसर है। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें ऐसा कीमती धर्मसंघ मिला है। इसकी जितनी सेवा हो सके और सुरक्षा के साथ वृद्धि-समृद्धि बढ़ा सकें, ऐसा प्रयास करना चाहिए।
विभिन्न समाजों ने किया स्वागत:
अहिंसा यात्रा के नगर प्रवेश के मुख्य रूट पर विभिन्न समाज के प्रमुखों ने आचार्य महाश्रमण का अभिनंदन किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंगदल, एनसीसी कोर, श्री चारभुजा मन्दिर व्यवस्था समिति, हरि बोल प्रभात फेरी, चारभुजा भजन मंडल, मुस्लिम समाज, मेवाड़ा समाज, खटीक समाज, रेगर समाज, राजपूत समाज, सोनी समाज, टेलर समाज, वैष्णव समाज, विश्वकर्मा समाज, ब्राह्मण समाज, लक्षकार समाज, माली समाज, प्रजापत समाज सहित अनेक समाज जनों ने स्वागत किया।
रैली में शामिल हुए दो हजार छात्र:
अहिंसा यात्रा रैली में करीब दो हजार छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।