Ladnun: 18.02.2012
Sense of Duty towards Nation and Family Necessary for Youths: Samani Charitra Pragya
News in Hindi:
युवाओं में दायित्त्व बोध का भाव जागृत हो
युवा पीढ़ी में आज आवश्यकता इस बात की है कि वह अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने दायित्वों के प्रति भी जागरूक हो।
ये विचार जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय की कुलपति समणी चारित्रप्रज्ञा ने विश्वविद्यालय के अहिंसा व शांति विभाग तथा कैरियर काउंसिलिंग सैल के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को हुए अहिंसा प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि परिवार के प्रति और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का बोध युवाओं के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखते हुए और छोटे-छोटे प्रयोगों के द्वारा युवा शक्ति राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। अहिसां व शांति विभाग के डॉ. अनिल धर ने शिविर के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
डॉ. जुगलकिशोर दाधीच ने स्वागत किया। विभागाध्यक्ष प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशन में संचालित शिविर में नोखा, सालासर, चूरू, जयपुर, नागौर, खींवसर, जोधपुर, सुजानगढ़ व जसवंतगढ़ आदि के विभिन्न कॉलेजों के करीब ६० छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। डॉ. समणी सत्यप्रज्ञा ने अहिंसा प्रशिक्षण की अभिनव शांति तकनीक के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। संचालन डॉ. वंदन कुंडलिया ने किया डॉ. रविंद्रसिंह राठौड़ ने आभार व्यक्त किया।
युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ