10.04.2012 ►Pali ►Tolerance can keep away Infighting ► Acharya Mahashraman

Published: 10.04.2012
Updated: 21.07.2015

ShortNews in English

Pali: 10.04.2012

Acharya Mahashraman stayed five days in Pali. He gave many ideal point of life to people. Strong character is leading point of successful life. Stay away from addict life. Follow way of Honesty. Believe in Non-Violence. 

News in Hindi

'सहिष्णुता होने पर कलह से बचाव संभव'

पाली १० अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने किया वी डी नगर से विहार, शहरवासियों ने दी भावभीनी विदाई, आज करेंगे केरला गांव के लिए विहार
आचार्य महाश्रमणजी ने सोमवार को भास्कर से बातचीत में कहा कि पाली बहुत अच्छा शहर है। यहां के लोगों की धर्म भावना से वे भी काफी प्रभावित हुए हैं। विहार से पूर्व पालीवासियों के लिए संदेश का निवेदन करने पर आचार्यश्री ने तीन प्रमुख बातों पर ध्यान देने का आग्रह किया।
पाली पाली १० अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
कलह को त्याज्य बताते हुए आचार्य महाश्रमण ने कहा कि ऋषियों एवं साधुओं के लिए अपेक्षित है कि वे कलह का वर्जन करें। उन्होंने कहा कि अकेले व्यक्ति में कलह की संभावना नहीं रहती। अनेक व्यक्ति जहां साथ होते हैं वहां कलह हो सकता है। वे सोमवार को गुमटी स्थित कोठारी फार्म में श्रावक-श्राविकाओं को प्रवचन कर रहे थे।

आचार्य ने कहा कि पुरानी बातों को याद करके कलह नहीं करनी चाहिए। झगड़े के पीछे अहंकार का कारण भी होता है। स्वार्थ की चेतना कलह की उत्पत्ति का एक स्थान है, सहिष्णुता होने पर कलह से काफी बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि परिवार संयुक्त हो या नहीं भी हो, लेकिन उनमें अलग-अलग रहते हुए भी वैमनस्य नहीं भावात्मक शुद्धता का तार जुड़ा होना चाहिए। ऐसा होने पर वह संयुक्त परिवार का रूप बन जाता है। परिवार में किसी एक बड़े को बहुमान देकर चलना भी अच्छी बात है, लेकिन बहुमान वाला व्यक्ति भी निस्वार्थ भाव से चिंतन करें।

मैत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि संतों का पथ साधना होता है, जिस दिन वे संत बनते हैं उसी दिन से उनका एक ही लक्ष्य होता है कि सारी क्रियाएं साधना का माध्यम बने। संतों की हर क्रिया में कर्म निर्जरा होती है, इसलिए साधु- साध्वी अपनी हर क्रिया को साधना के रूप में स्वीकार कर चलते हैं। उन्होंने कहा कि श्रावक भी कर्म करते हुए अध्यात्म में रहता है, अनासक्त रहता है तो उसको बड़ा लाभ मिल सकता है। कार्यक्रम को श्रवण कुमार कोठारी ने भी संबोधित कर अपनी अभिव्यक्ति दी। आयोजन में पूर्व सांसद पुष्प जैन, गणपत कोठारी, भेरचंद गोगड़, तेरापंथ सभा के पूर्व मंत्री गौतम छाजेड़, भाजपा नेता नरेश ओझा, महावीर संकलेचा, सुशील लूणावत, सज्जन बांठिया, चारभुजा ट्रस्ट के अध्यक्ष भीखमचंद सिसोदिया, सज्जन धारीवाल, विनय बंब सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

नशा मुक्त समाज का निर्माण करें

आचार्य वृद्धाश्रम से हाउसिंग बोर्ड पहुंचे जहां मानव सेवा संस्था द्वारा संचालित तथागत प्राथमिक विद्यापीठ में उन्होंने विद्यार्थियों एवं नागरिकों को प्रवचन दिए। आचार्य ने कहा कि तथागत विद्यालय के बच्चों को नैतिक शिक्षा देकर देश के भावी कर्णधार बनाएं ताकि आगे चलकर भारत का गौरव बढ़ाएं। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से कहा कि शहर में तंबाकू एवं धूम्रपान के विरोध में अभियान चलाकर स्वस्थ समाज का निर्माण करें।

नशामुक्ति का अभियान रखेंगे अनवरत: कलेक्टर

कलेक्टर नीरज के.पवन ने आचार्य के पाली प्रवास करने पर आभार जताते हुए कहा कि पाली जिले में आपकी प्रेरणा से जो नशा मुक्ति समाज सुधार का कार्य अनवरत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि आचार्य द्वारा चलाया गया नशा मुक्ति अभियान वर्तमान की पहली आवश्यकता है।

वृद्ध अच्छे ग्रंथों का स्वाध्याय करें

आचार्य महाश्रमण सोमवार को सुबह सात बजे वी डी नगर से विहार कर गुमटी स्थित कोठारी फार्म हाउस पहुंचे। इससे पहले वे सेवा समिति द्वारा संचालित वृद्धाश्रम भी गए तथा वहां उपस्थित वृद्धों से मिले। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम वृद्धों का आश्रय स्थल होता है। इसमें आदमी की चित्त समाधि रहनी चाहिए। उनको गुस्सा, तनाव आदि नहीं आना चाहिए। वृद्ध लोग अच्छे ग्रंथों का स्वाध्याय करें तथा साथ में त्याग-तपस्या आदि का भी क्रम बनाएं।

धार्मिक सौहार्द बनाए रखें। धर्म की भावना रखें, लेकिन सब धर्मों का आदर जरूर करें।



नैतिक और चारित्रिक रूप से मजबूत बनें। यह विचार ही सफल जिंदगी का राज है।



नशामुक्त रहे यह शहर। लोग संकल्प लें कि हम नशा छोड़कर और छुड़वाकर मिसाल कायम करेंगे।

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Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

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