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Balotara: 28.04.2012
Acharya Mahashraman made public 23rd part of Acharya Tulsi autobiography. Another book Sampan bano also made public. Mera Jeevan: Mera Darshan which is autobiography of Acharya Tulsi edited by Sadhvi Pramukha Kanak Prabha. Acharya Mahashraman told that good literature give direction to people and society. He inspired people to read good literature. Swadhayay should become habit of peoples.
News in Hindi
आचार्य ने दी स्वाध्याय की सीख
आचार्य ने दी स्वाध्याय की सीख
आचार्य तुलसी के जीवन पर आधारित पुस्तक 'मेरा जीवन मेरा दर्शन' और 'संपन्न बनो' का लोकार्पण
बालोतरा २८ अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो प्रतिनिधि बाड़मेर
साधक को सदा स्वाध्याय करते रहना चाहिए। स्वाध्याय सर्वोत्कृष्ट तप है। क्योंकि स्वाध्याय से साधना का पथ दर्शन, जीवन की समस्याओं का समाधान और आलोक व ज्ञान मिलता है। इसलिए मनुष्य को स्वाध्याय का अभ्यास करना चाहिए। ये उद्गार आचार्य महाश्रमण ने शुक्रवार को आचार्य तुलसी के जीवन पर आधारित पुस्तक 'मेरा जीवन मेरा दर्शन' और श्रीमद् भागवत गीता व उत्तराध्ययन के तुलनात्मक अध्ययन से स्वयं की ओर से निरूपित पुस्तक 'संपन्न बनो' के लोकार्पण समारोह में कही। आचार्य ने कहा कि अपने बारे में अध्ययन करना, सोचना, आत्मा के बारे में जानना स्वाध्याय है। उन्होंने गुरुदेव की आत्मकथा 'मेरा जीवन मेरा दर्शन' जो साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा की ओर से संपादित है उसके संदर्भ में कहा कि ऐसे महापुरुष कम ही होते हैं, जिनकी आत्मकथा 23 खंडों में आई है।
स्वयं कृत महत्वपूर्ण दस्तावेज
बालोतरा २८ अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो प्रतिनिधि बाड़मेर
आचार्य ने गुरुदेव तुलसी के डायरी लेखन के बारे में कहा कि उनका डायरी लेखन एक प्रकार से महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है। क्योंकि स्वयं के हाथ से लिखी बात में अधिक प्रामाणिकता रहती है। गुरुदेव तुलसी ने स्वयं एक अति महत्वपूर्ण ग्रंथ का निर्माण कर दिया, जिससे कई बातें जानी जा सकती है। इससे पथ दर्शन भी पाठक को पढऩे से प्राप्त होता है।
.धर्म संघ है आभारी:आचार्य ने कहा कि आचार्य तुलसी की डायरियां यूं तो किसी के हाथ में आती नहीं है। साध्वी प्रमुखा ने एक महत्वपूर्ण काम जनता व पाठक के सामने पठनीय सामग्री प्रस्तुत कर किया है। इन्होंने गुरुदेव तुलसी की आत्म कथा संपादित कर तेरापंथ धर्मसंघ को आभारी बनाने के साथ कई पाठकों को भी आभारी बनाया है।
साध्वी सुमति प्रभा का योगदान:
बालोतरा २८ अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो प्रतिनिधि बाड़मेर
साध्वी सुमति प्रभा की ओर से आचार्य की प्रवचन माला से संपादित पुस्तक 'सुखी बनो' व 'संपन्न बनो' के संदर्भ में आचार्य ने साध्वी श्री के बारे में कहा कि मैं तो केवल वक्तव्य देता था। इसके अलावा ग्रंथ निर्माण में मेरा नहीं के बराबर योगदान है। मैं साध्वी सुमति प्रभा को साधुवाद देना चाहूंगा कि उसने एक बीड़ा उठाया, एक श्रम का काम हाथ में लिया और गीता व उत्तराध्ययन की प्रवचन माला के संपादन का काम किया।
गंभीर ग्रंथों से गांभीर्य:
बालोतरा २८ अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो प्रतिनिधि बाड़मेर
आचार्य ने ग्रंथ पढऩे में समय लगाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि सामान्य पत्रिका को पढऩा एक बात है पर गहन ग्रंथों को पढऩा विशेष बात है। हम जितना गहरे ग्रंथों को पढ़ेंगे उतनी ही हमारे विचारों में गहराई आ सकेगी। हमें गंभीर ग्रंथों को पढऩे का अभ्यास करना चाहिए। साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा ने पुस्तक के लोकार्पण के संदर्भ में कहा कि समाज को दृष्टि व दिशा संत व साहित्य ही दे सकते हैं। जब दोनों का काम एक ही व्यक्ति करता है तो उसका महत्व और ज्यादा हो जाता है। जयनारायण विश्व विद्यालय के कुलपति भंवरसिंह राजपुरोहित ने कहा कि आचार्य के इस समवसरण में मैं स्वयं एक विद्यार्थी बनकर आया हूं। उन्होंने कहा कि हम लोग पैसे लेकर विद्या बांटते है और आप निस्वार्थ भाव से जनमानस को प्रेरणा देकर राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहे हैं।
कार्यक्रम की शुरूआत में मुनि हर्षलाल ने 'महाश्रमण है पुण्य निधान' गीत से मंगलाचरण किया। साध्वी संकल्प प्रभा ने 'आयो-आयो जन्म दिवस प्यारों' साध्वी कमल श्री ने 'म्हारा अन्नदाता हर्ष न भावे रे' गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी सुनंदा सहित 15 साध्वियों ने 'जय महाश्रमण करते संवाद सदा भगवान से' गीत की प्रस्तुति के साथ आचार्य के साहित्यों का प्रस्तुतिकरण किया। साध्वी वृंद की ओर से 'संपन्न बनो' पुस्तक पर 'संपन्न बनो तु गीतिका' की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. मांगीलाल वडेरा और प्राच्य शोध संस्थान जोधपुर के निदेशक श्यामसिंह राजपुरोहित ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन मुनि कुमार श्रमण ने किया।
विशेष कवि सम्मेलन आज
बालोतरा २८ अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो प्रतिनिधि बाड़मेर
शनिवार रात 8 बजे कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। व्यवस्था समिति संयोजक देवराज खींवसरा ने बताया कि हास्य रस के प्रताप फौजदार, वीर शहनाज हिंदुस्तानी, चिराग जैन और राजेश चेतन कविताएं प्रस्तुत करेंगे।