30.04.2012 ►Balotara ►Important Work Should not be left Pending ►Acharya Mahashraman

Published: 30.04.2012
Updated: 21.07.2015

ShortNews in English

Balotara: 30.04.2012

Acharya Mahashraman said that name is not important but work is important. He told all organization beside money power, man power and management power try to develop morality power.

News in Hindi

महत्वपूर्ण काम कल पर नहीं छोड़ें: आचार्य
बालोतरा 30 Apr-2012जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो बालोतरा
आचार्य महाश्रमण ने रविवार को नया तेरापंथ भवन में आयोजित धर्मसभा में कहा कि महत्वपूर्ण कार्य करने में विलंब नहीं करना चाहिए। तीन व्यक्ति ही महत्वपूर्ण कार्य को कल पर छोड़ सकते हैं। पहला जिसकी मौत के साथ दोस्ती है, दूसरा वह जो मौत से भी तेज दौड़ सकता है और तीसरा वह व्यक्ति जो अमर है। पर ये सब वास्तविकता से दूर की बातें हैं।

आचार्य ने कहा कि व्यक्ति के नाम का इतना महत्व नहीं होता, जितना उसके कार्य का महत्व होता है। इसलिए व्यक्ति को अच्छे कार्य करने का प्रयास करना चाहिए। आचार्य ने संस्थाओं को समाज के लिए संपदा बताया। उन्होंने कहा कि संस्थाओं के लिए मैन पॉवर, मनी पॉवर, मैनेजमेंट पॉवर के साथ मॉरेलिटी पॉवर भी रहनी चाहिए। संस्थाएं अपने निर्धारित लक्ष्यानुरूप पथ पर गति करती रहें तो काफी आगे बढ़ सकती हंै।

कार्यक्रम को मुनि महेन्द्र कुमार, मुनि मनन कुमार ने भी संबोधित किया। समणी नियोजिका ऋजुप्रज्ञा ने अपने भाव सुमन अर्पित किए। गौतम श्रीश्रीमाल, पुखराज तलेसरा, अभातेमम से शायर देवी बैंगाणी, भाजपा के राज के पुरोहित ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी।

मुनि विजय कुमार की ओर से गीत की प्रस्तुति दी गई। सरदार शहर की ग्यारह साध्वियों की ओर से वर्धापना के स्वर प्रस्तुत किए गए। तेयुप बालोतरा की ओर से 'ओम्हारा भगवान' और महिला मंडल की ओर से 'नेमानंदन शत-शत वंदन' गीत की प्रस्तुति दी गई। भोजराज वैद की ओर से कविता की प्रस्तुति दी गई।

केंद्रीय संस्थाओं ने किया अभिवंदना

आचार्य की वर्धापना के क्रम में तेरापंथ विकास के संपतमल नाहटा ने अपने विचार व्यक्त किए। सभी संस्थाओं के द्वारा आचार्य को अभिवंदना पत्र भेंट किया गया। जय तुलसी फाउंडेशन की ओर से प्रबंध न्यासी सुरेन्द्र दुगड़ ने अभिव्यक्ति पत्र भेंट किया। अभातेमम की ओर से 'महाश्रमण शासन में ज्ञान की पावन धार बहे' गीत की कलात्मक प्रस्तुति दी गई। राष्ट्रीय अध्यक्षता सुरजदेवी बरडिय़ा ने अपने विचार व्यक्त किए तथा अभिवंदन पत्र भेंट किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के उपाध्यक्ष अविनाश बाहर ने अपनी अभ्यर्थना प्रस्तुत की। अविनाश नाहर और सहमंत्री हनुमान लुंकड़ की ओर से अभिनंदन पत्र तथा तेरापंथ टाइम्स का अमृत महोत्सव विशेषांक आचार्य को भेंट किया। तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष नरेन्द्र श्यामसुखा ने अपने भाव व्यक्त किए।

जैन विश्व भारती के वाइस चांसलर समणी चारित्रप्रज्ञा ने अपनी अभ्यर्थना व्यक्त की और अभिनंदन पत्र भेंट किया। पारमार्थिक शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष पंपक भाई मेहता ने अपने भाव व्यक्त किए। अणुव्रत महासमिति के महामंत्री संपतमल श्यामसुखा ने अपने विचार व्यक्त किए। अणुव्रत विश्व भारती के अध्यक्ष तेजकरण सुराणा, आचार्य तुलसी शांतिप्रतिष्ठान के अध्यक्ष जसकरण चौपड़ा, पे्रक्षा विश्व भारती के अध्यक्ष बाबूलाल सेखानी, राष्ट्रीय अणुव्रत शिक्षक संसद के अध्यक्ष भीकमचंद नखत ने अपने भावोदगीत किए। राष्ट्रीय अणुव्रत शिक्षक संसद की ओर से ५० लाख नशामुक्ति के संकल्प पत्र भेंट किए गए। मुनि महेन्द्र कुमार की ओर से वक्तत्व व मुनि महावीर कुमार की ओर से 'अनुकम्पा अवतार गुरूवर जुग-जुग जीयो जी' गीत द्वारा अभ्यर्थना की गई।

कार्यक्रम के अंत में शहनाज हिंदुस्तानी और प्रमोद भंसाली ने कविता से अपने भाव व्यक्त किए । सुरभि तलेसरा की ओर से उपहार उपह्रत किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि कुमार श्रमण ने किया। मुमुक्षु भाई जय मेहता ने अपनी अभ्यर्थना व्यक्त करते हुए दीक्षा ली। आचार्य ने अर्जी पर मर्जी की मुहर लगाते हुए २१ जून को पचपदरा में दीक्षा देने की घोषणा की।

Sources

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Sushil Bafana

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