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Balotara: 23.05.2012
Acharya Mahashraman Did Vihar from Balotara. He left for Janiyana. His one month stay was so good for people of Industrial city that every one wished he stay some more days. He gave message of Peace, Amity and development to people of city.
News in Hindi
गुणी लोगों के प्रति हो मंगल भावना: आचार्य श्री महाश्रमण
आचार्य का बालोतरा से जानियाना के लिए विहार, भाव-विभोर हुए श्रावक-श्राविकाएं
बालोतरा २३ मई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जनमानस को शांति, सौहार्द, मैत्री और विकास का संदेश देते हुए आचार्य महाश्रमण ने जानियाना में आयोजित धर्मसभा को परस्पर प्रमोद और सहयोग की भावना की प्रेरणा देते हुए कहा कि जो आदमी गुण संपन्न, विशिष्टता संपन्न हो, जिसने व्यक्ति विकास किया है और विकास कर भी रहा है उस व्यक्ति के प्रति मन में प्रमोद भावना होनी चाहिए। ऐसे व्यक्तियों के प्रति मन में प्रसन्नता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के मन में गुणी लोगों के प्रति मंगलकामना होनी चाहिए। दूसरे के प्रति अहित की कामना करने वाला अपना अहित कर लेता है और दूसरों का हित करना अपना हित करना है।
आचार्य ने कहा, मध्यम कोटि की कामना सम्मान, पद, अर्थ की कामना करना है तथा साधना, ज्ञान, ध्यान में आगे बढऩे की दूसरे की साधना में आगे बढऩे की, सभी के साधना में आगे बढऩे की भावना करना उत्तम कोटि की कामना है। आचार्य ने प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति को अधर्म कोटि की कामना तो करनी ही नहीं चाहिए, व्यक्ति को उत्तम कोटि की ही कामना करनी चाहिए। आचार्य ने कहा कि प्रमोद भावना चेतना को उन्नत बनाने की भावना है। व्यक्ति गुणी के प्रति प्रसन्नता का भाव रखे। व्यक्ति दूसरों को देखकर सुखी हो और दुखी के दुख को देखकर उसको चित्त समाधि पहुंचाने की कामना करे। सहयोग की प्रेरणा देते हुए आचार्य ने कहा कि समाज के व्यक्तियों में परस्पर सहयोग से ही कार्य चलता है। व्यक्ति के जीवन सहयोग पर आधारित है। समाज की संस्थाओं के पदाधिकारियों में परस्पर प्रमोद भावना होने पर संस्था का अच्छा विकास हो सकता है। आचार्य ने व्यक्ति को अपने अधीनस्थ को प्रोत्साहन देने की प्रेरणा देते हुए कहा कि प्रोत्साहन की भावना आगे बढ़ाने में सहायक होती है। व्यक्ति के गलती होने पर इंगित भी करे पर प्रोत्साहन भी देते रहें। साध्वी प्रमुख कनक प्रभा ने प्रेरणादायी उद्बोधन प्रदान किया। कार्यक्रम के अंत में बालोतरा नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान ने श्रद्धानिष्ठ भाव गुरू चरणों में अभिव्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया।
महातपस्वी की सेवा में इंद्र: महातपस्वी आचार्य महाश्रमण के एक मास के प्रवास के अंतिम दिन सायंकाल के बाद बरसात हुई। इससे पहले प्रवास के दौरान एक बार भी बारिश नहीं हुई थी। आचार्य जन कल्याण का पथ प्रशस्त करने गांव जानियाना अगले दिन सवेरे ही आने वाले थे। ऐसे में मौसम ने विहार को सुखमय बनाया।
भाव-विभोर था संपूर्ण मन मानस:
बालोतरा २३ मई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
अमृत पुरुष आचार्य ने एक मास के प्रवास के दौरान बालोतरा के संपूर्ण जनमानस को अमृत पान कराया और आज अमृतपुरूष मानव कल्याणार्थ विहार कर रहे थे। आचार्य को विदाई देते हुए कहा कि पूरा बालोतरा नगर भाव विह्वल हो रहा है। हर व्यक्ति के मन में जिज्ञासा हो रही थी कि आखिर आचार्य क्यों जा रहे हैं। थोड़े दिन और रुक जाते तो कितना अच्छा होता। पर आचार्य अपनी मंद मुस्कान से मानो कह रहे थे कि 'साधु तो रमता भला'।
राघवदास आश्रम में स्वागत:
बालोतरा २३ मई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य के बालोतरा से विहार करते समय मंगलवार सवेरे समदड़ी रोड स्थित संत राघवदास आश्रम में माली समाज की ओर से पूज्य संतो के स्वागत में पलक पावड़े बिछा दिए। आचार्य के राघवदास आश्रम आने पर समाज के प्रबुद्धजनों की ओर से अभिनंदन किया गया। आश्रम प्रवक्ता ओमप्रकाश माली ने बताया कि महामंडलेश्वर राघवदास महाराज की ओर से आचार्य महाश्रमण से शिष्टाचार भेंट कर मानव कल्याण के लिए परस्पर मंत्रणा कर लोगों को सदवचन सुनाए। इस अवसर पर करना राम पंवार, सुजा राम सुंदेशा, महेश बी चौहान, होताराम, हीरा राम, उदाराम, गोविंदराम, मंगलाराम, वासुदेव, रामेश्वर, अणदाराम, डूंगर चंद, मोहनलाल, माणकचंद, रणछोड़दास, लूणाराम, भैराराम, चैनाराम तथा ईश्वर सहित स्वजातीय बंधुओं की ओर से संतों का भावभीना स्वागत किया गया।