06.06.2012 ►Ramsin Mungra ►Anuvrata Provides Solution to Keep Pollution Free Atmosphere► Acharya Mahashraman

Published: 06.06.2012
Updated: 21.07.2015

ShortNews in English

Ramsin Mungra: 06.06.2012

Acharya Mahashraman said trees are beauty of earth. He advised people not to cut tress for selfish reason. Keep control over unlimited desires. Anuvrata taught us to keep Sanyam in life. Anuvrata code of conduct says not to cut tress with root and not to waste water.

News in Hindi

उपासना से होता है वासना का नाश: आचार्य
रामसीन मूंगड़ा में धर्मसभा के दौरान आचार्य ने कहा, वृक्ष धरती का श्रृंगार है, स्वार्थ के लिए कुल्हाड़ी नहीं चलाएं, आचार्य के स्वागत में उमड़ा जन सैलाब
बालोतरा ०६ जून जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
उपासना से वासना का नाश होता है। व्यक्ति को सदैव उपासक बनना चाहिए। तृष्णा का दूसरा नाम है वासना, इच्छा। वासना व्यक्ति को माया एवं मोह के जाल में फंसाती है, संयम की उपासना कर व्यक्ति इस जाल को तोड़ सकता है तथा सच्चे उपासक को केवल ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है। ये विचार आचार्य महाश्रमण ने मंगलवार को रामसीन मूंगड़ा में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। इससे पहले रामसीन मूंगड़ा में प्रात: 9 बजे नगर प्रवेश के समय आचार्य महाश्रमण का सरपंच मंजूदेवी प्रजापत, शिवलाल वेदमूथा, भूपतराज चौपड़ा, किशोरपुरी गोस्वामी, मोहनलाल पालीवाल, कानाराम प्रजापत, मांगीलाल जोशी, भूदरराम गोस्वामी सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने स्वागत किया।

विश्व पर्यावरण दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आचार्य तुलसी के अणुव्रतों में एक अणुव्रत यह भी है, मैं छायाकर बड़े हरे-भरे वृक्ष को जड़ से नहीं काटूंगा। अर्थात् व्यक्ति को अपने स्वार्थ के लिए पेड़ पर कुल्हाड़ी चलाते समय भी सौ बार सोचना चाहिए। वृक्ष तो धरती माता का श्रृंगार है, फूल उसके बेल-बूटे है, इसे नष्ट होने से बचाएं। पेड़ कटने से आज वातावरण गर्म हो रहा है, वर्षा कम हो रही है। ध्रुवों पर बर्फ पिघल रहा है, ओजोन परत की पराबैंगनी किरणें धरती पर आ रही है। वर्षा की कमी से धरती पर जल संकट हो जाएगा। तीसरा विश्व युद्ध फिर जल के लिए होगा तो कोई अतिशयोक्ति नहीं है। कहा भी गया है कि जल में जगदीश हैं, जल है तो कल है, जल ही जीवन है। अत: हमें जल के प्रयोग में संयम बरतना चाहिए। यह बात आम लोगों के साथ-साथ हम संत-मुनियों पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को परिशुद्ध रखने के लिए हमें हमारी आवश्यकताओं को कम करना होगा। आचरण में शुद्धता लानी होगी, अपव्यय को रोकना होगा। जीवन में संयम को अपनाना होगा, तभी भावी पीढ़ी को हम शुद्ध ऑक्सीजन दे सकेंगे। पशु-पक्षी भी पर्यावरण के मित्र होते हैं, उनकी भी रक्षा करें, उनके प्रति हिंसा का भाव न रखें। आहर्त वाड़्गमय में एक शब्द हैं - संजमो अर्थात संयम। जो संयम की आराधना करता है, वह ईश्वर की आराधना तुल्य है। मौत की तरह संयम भावना भी व्यक्ति के उम्र के किसी भी मोड़ पर आ सकती है। अत: हमें अणुव्रतों को अपनाना चाहिए। मंत्री मुनि सुमेरमल, साध्वी कनकप्रभा, पूर्व गृह राज्यमंत्री अमराराम चौधरी, नाहरसिंह जसोल, पूर्व प्रधान भूरसिंह मूंगड़ा, प्रधानाध्यापक किशोरपुरी गोस्वामी, मोटाराम मेघवाल, डॉ. रामेश्वरी चौधरी ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में 10 वर्षीय बालिका प्रसिद्धि वेदमूथा ने आचार्य महाश्रमण से दीक्षा ग्रहण करने की अनुमति मांगी। वेदमूथा परिवार के 3 पुष्प मुनि अक्षय कुमार, मुनि मधुर कुमार, साध्वी मृदुयशा पहले से तेरापंथ धर्मसंघ की सेवा कर रहे है। करीब सौ वर्ष पहले आचार्य कालुगुणी के बाद आचार्य महाश्रमण ने मूंगड़ा की धरती को धन्य किया है। इस मौके पर रिखबचंद वेदमूथा, गौतमचंद श्रीश्रीमाल, पारसमल भंडारी, तेजप्रकाश वैष्णव, जसराज पालीवाल, नेमाराम प्रजापत, लूणचंद पालीवाल, हीरालाल कांकरिया, शिवकुमार ढेलडिय़ा, चंपालाल गोलेच्छा, कांतिलाल ढेलडिय़ा, विनोद गोठी, आनंद डी. चौपड़ा, भंवरलाल सालेचा कनाना सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

पोस्टर का विमोचन
जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस पर पोस्टर का विमोचन किया गया।

इस दौरान पूर्व गृह राज्यमंत्री अमराराम चौधरी, पूर्व प्रधान नाहरसिंह जसोल, पूर्व प्रधान भूरसिंह मूंगड़ा, प्रधानाध्यापक किशोरपुरी गोस्वामी, तेयुप अध्यक्ष ललित जीरावला, उपाध्यक्ष राजेश बाफना, गणपत छाजेड़, सहमंत्री स्वरूप दांती, रौनक श्रीश्रीमाल, शिवकुमार ढेलडिय़ा, सुरेश गोठी, ललित श्रीश्रीमाल सहित कई लोग थे। इसके बाद कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास परिसर में पौधरोपण किया गया।

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

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