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Stay Away From Ego for Bliss ► Acharya Mahashraman: 02.08.2012
Acharya Mahashraman said to get bliss stay away from ego.
News in Hindi
परमानंद के लिए अहंकार छोड़ें: आचार्य
जसोल(बालोतरा) ०२ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने मार्दव के बारे में कहा कि मान विनय का नाश करने वाला होता है। आदमी की दुर्बलता है कि वह यदा-कदा अहंकार में चला जाता है। गर्व की भावना घोर नरक के समान है और प्रतिष्ठा की भावना शकूर की विष्ठा के समान है। व्यक्ति इनको छोड़कर सुखी बन सकता है। उन्होंने कहा कि अहम् का भाव परम की प्राप्ति में बाधा है। परमानंद के लिए अहंकार को छोडऩा नितांत आवश्यक है। आचार्य बुधवार को जसोल में चतुर्मास के दौरान धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ अहंकार नहीं, नम्रता आनी चाहिए। पूर्ण ज्ञानी व्यक्ति अहंकार नहीं करता। थोड़ा-सा ज्ञान आने पर व्यक्ति मदोन्मत हो जाता है। सत्ता आने पर भी व्यक्ति में अहंकार आ जाता है। शक्ति व तपस्या का भी अहंकार व्यक्ति को हो सकता है। अहंकारी व्यक्ति दूसरों के अधीन रहना नहीं चाहता बल्कि दूसरों को अपने अधीन रखना चाहता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के पास सत्ता आने पर भी विनय भाव होना विशेष बात होती है। आने वाले आगंतुक का भी शिष्टाचार के नाते सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति बड़े आदमी के प्रति सम्मान विनय का भाव रखें। जो व्यक्ति जितना बड़ा होता है, उस हिसाब से उसका मान-सम्मान भी होना चाहिए।
व्यक्ति को प्रोटोकॉल का ध्यान भी देना चाहिए। आचार्य ने कहा कि जिस आदमी में नम्रता, क्षमाशीलता, भक्तिभाव व सबके प्रति आदर-सत्कार की भावना है वह व्यक्ति बड़ा होता है। विनय का भाव व्यक्ति में आने पर उसमें अनेक गुण भी समाविष्ट हो जाते हैं। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि कृतज्ञता व्यक्ति के गुणों को बढ़ाने वाली होती है। कृतघ्नता उपकार को अपकार में बदलने वाला तत्व है। इसलिए व्यक्ति को अपने भीतर कृतज्ञता के भाव विकसित करने चाहिए। कार्यक्रम का प्रारंभ कन्या मंडल की ओर से चौबीसी के के साथ हुआ। कार्यक्रम के बाबूलाल देवता ने अपने 99 वें दिन की तपस्या पर आचार्य से कुल 108 दिन का और प्रत्याख्यान किया तथा अपने भाव सुमन गुरु चरणों में उपह्रत किए। कविता बागरेचा की ओर से 'महाश्रमण गुरुवर दुनिया से न्यारे है' गीत प्रस्तुत किया गया। मुमुक्षु प्रांजल की ओर से आचार्य से साध्वी दीक्षा की अर्ज किए जाने पर आचार्य ने कृपा वृष्टि करते हुए सिवांची-मालाणी की यात्रा के दौरान ही दीक्षा देने की घोषणा की।
युवा शक्ति आचार्य की सन्निधि में: आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में तेरापंथ युवक परिषद जसोल के सदस्य उपस्थित हुए। आचार्य ने सभी युवाओं को अपने श्रम व समय सम्यक व सकारात्मक कार्यों में नियोजित करने की प्रेरणा दी। तेरापंथ युवक परिषद मुनि दिनेश कुमार व सह प्रभारी मुनि योगेश कुमार ने अपना उद्बोधन दिया। तेयुप अध्यक्ष रमेश भंसाली ने नशामुक्ति व अन्य कार्यों से अवगत किया।
मंत्री जितेन्द्र सालेचा ने तेयुप की ओर से की जा रही गतिविधियों के बारे में बताया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के सहमंत्री हनुमान लूंकड़ व सदस्य कांतिलाल ढेलडिय़ा, उपाध्यक्ष प्रवीण भंसाली व महेन्द्र मेहता, सहमंत्री कुमारपाल संकलेचा व देवराज भंसाली, कोषाध्यक्ष जयंतीलाल मेहता व संगठन मंत्री शांतिलाल ढेलडिय़ा मौजूद थे।
जसोल. धर्मसभा को संबोधित करते आचार्य महाश्रमण व तेरापंथ युवक परिषद जसोल के पदाधिकारियों से वार्ता करते आचार्य।
जसोल. धर्मसभा में उपस्थित श्रावक-श्राविकाएं व साध्वी वृंद व आचार्य के समक्ष चौबीसी प्रस्तुत करतीं कन्या मंडल की सदस्याएं।