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वाणी में संयम के साथ विवेक हो'
जसोल(बालोतरा) १४ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने वाणी में संयम व विवेक रखने की पे्ररणा देते हुए कहा कि व्यक्ति को बहुत ज्यादा नहीं बोलना चाहिए। हर किसी को बोलने की शक्ति प्राप्त नहीं होती है, पर जिन्हें है वे वाणी पर विवेक रखें। व्यक्ति, प्रेम, शांति व मुस्काराकर बोले। उन्होंने कहा कि मुखरता व्यक्ति को छोटा बनाने वाली और सीमित वाणी व्यक्ति को ऊंचा करने वाली है। आचार्य ने कहा कि जो आदमी वाणी का संयम रखता है, उसको कुछ अंशों में वचन सिद्धि प्राप्त हो सकती है। साधना सिक्त वाणी का विशेष महत्व होता है। आचार्य ने कहा कि व्यक्ति की वाणी का महत्व बना रहना चाहिए। व्यक्ति में वाणी में संयम के साथ विवेक हो। जहां बोलने की अपेक्षा हो वहां बोले और जहां अपेक्षा नहीं है वहां नहीं बोले। आचार्य सोमवार को जसोल में चातुर्मास प्रवचन के दौरान धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
आचार्य ने प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति को अध्ययन करना चाहिए। वह मधुरभाषी, यथार्थभाषी, विचारभाषी, मितभाषी हो। उसे अनावश्यक नहीं बोलना चाहिए। व्यक्ति के जहां बोलने से दूसरों का भला हो, दूसरों को ज्ञान मिले, वहां बोलना चाहिए। मंत्री मुनि सुमेरमल ने साधु-साध्वियों द्वारा पर्यूषण पर्व के आरंभ से पूर्व तक केशलुंचन करवाने के सदंर्भ में कहा कि संवत्सरी में प्रतिक्रमण के समय साधुओं के सिर पर गाय के रोम जितने लंबे केश ही हो, ज्यादा लंबे न हो। इसी सदंर्भ में मंत्री मुनि ने कहा कि संवत्सरी भादवे के पहले महिने में संवत्सरी का आयोजन होता है।
पर्यूषण पर्व पर कार्यक्रम:
जसोल(बालोतरा) १४ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार् महाश्रमण की सन्निधि में जसोल के अलावा पूरे विश्वभर में पर्यूषण महापर्व के कार्यक्रम आयोजित होंगे। पर्यूषण पर्व साधना के विशेष दिन होते हैं। इसी के अंतर्गत १४ अगस्त को खाद्य संयम दिवस, १५ को स्वाध्याय दिवस, १६ को सामायिक दिवस, १७ को वाणी संयम दिवस, १८ को अणुव्रत चेतना दिवस, १९ को जप दिवस, २० को ध्यान दिवस व २१ का संबत्सरी महापर्व तथा २२ अगस्त को क्षमायाचना दिवस मनाया जाएगा। पर्यूषण पर अखंड जाप का कार्यक्रम भी चलेगा। और आचार्य का प्रवचन सवेरे ९ से ११ बजे तक सभी को लाभांवित करेगा।
धर्मसभा में आचार्य महाश्रमण ने बताए व्यवहार के गुण, धर्म के मार्ग पर चलने का किया आह्वान