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तपोभिनंदन:
जसोल(बालोतरा) १४ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मुनि पृथ्वीराज व साध्वी तरुणयशा के १४ वें दिन की तपस्या के अवसर पर साध्वी ऋजुयशा व अन्य साध्वियों ने तपोभिनंदन करते हुए 'करते तप का अभिनंदन' गीत का समवेत स्वर में प्रस्तुति दी। इसी क्रम में इनके संसारक्षीय संकलेचा परिवार की बहनों ने गीत द्वारा तपस्वियों का अभिनंदन किया। मुनि पृथ्वीराज ने इस अवसर पर अपने भावोभिव्यक्ति देते हुए 'आपणे शासन री महिमा अपरम्पार' गीत का संगान किया। और आचार्य से आशीर्वाद प्राप्त करते हुए कुल २१ दिनों की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। आचार्य ने मुनि व साध्वी श्री के प्रति इस संदर्भ में शुभाषंसा की। शांतादेवी सुभाष लूंकड़ के २९ की तपस्या पर प्रतिक्षा लूंकड़ ने अपने विचारों से तपोभिनंदन किया। लूंकड़ परिवार की बहनों ने गीत द्वारा अभिनंदन किया। जयश्री भंसाली के २६ दिन की तपस्यावसर पर भंसाली परिवार की बहनों ने गीत की प्रस्तुति दी। प्रवास व्यवस्था समिति महामंत्री शांतिलाल भंसाली, हितेष भंसाली व सतीश भंसाली ने भावों द्वारा तपोभिनंदन किया। कंचन प्रकाश भंडारी के २१ वें दिन की तपस्या कर पुत्रवधु सिंपल राजेश भंडारी ने भावोभिव्यक्ति दी।