14.08.2012 ►Jain Terapnth News 8

Published: 15.08.2012
Updated: 17.01.2013

News in Hindi

एक साथ दो निर्जरा: केश लुंचन हुआ।
जसोल(बालोतरा) १४ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

सोमवार को सवेेरे आचार्य से मुख कमल व मस्तक का केश लुंचन हुआ। इस अवसर पर मंत्री मुनि सहित सभी साधुओं ने व साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा सहित सभी साध्वियों ने आचार्य को वंदना की और इस कर्म निर्जरा में सहभागी बनाने का निवेदन किया। आचार्य ने सभी साधु-साध्वियों को एक-एक घंटे आगम स्वाध्याय करने की कृपा कराई। इसके बाद प्रवचन कार्यक्रम के आरंभ में सभी श्रावक-श्राविकाओं ने आचार्य की वंदना की और इस कर्म निर्जरा में सहभागी बनाने का निवेदन किया। आचार्य ने इस पर सहज ही चुटकी लेते हुए कहा कि पूरी कर्म निर्जरा तो हमारे पास दीक्षित होने पर ही होगी। आचार्य में महती कृपा कर सभी श्रावक-श्राविकाओं को सात सामायिक कर देने का कहकर निर्जरा में सहभागी बनने का अवसर दिया। मंत्री मुनि ने इस अवसर पर आचार्य के लिए कहा कि जो आत्मबली होते हैं, उनका पुरूषार्थ जगा रहता है। वे एक निर्जरा के साथ दूसरी निर्जरा के लिए भी तत्पर रहते हैं। आचार्य की इसी प्रेरणा से सभी साधु-साध्वियां भी कटिबद्ध रहते हंै। ज्ञात रहे कि आचार्य का मुखकेश लुंचन के साथ मस्तक केश लुंचन भी हुआ। इस प्रकार आचार्य के दो कर्म निर्जरा हुईं। दो-दो केशलुंचन के बाद भी आचार्य ने विश्राम नहीं किया और निरंतर पुरूषार्थ में व मानव कल्याण में लगे रहे।

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