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विकास पुरुष थे कालूगणी: मुनि श्री सुमेरमलजी सुदर्शन
छापर २४ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
भिक्षु साधना केंद्र में गुरुवार को तेरापंथ धर्म संघ के आठवें आचार्य कालूगणी की पुण्यतिथि मनाई गई। सेवा केंद्र व्यवस्थापक शासन श्री मुनि सुमेरमल सुदर्शन ने अष्टमाचार्य कालूगणी को विकास पुरुष बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में तेरापंथ धर्म संघ में अनेक आयाम स्थापित किए है। धर्म संघ के जन संपर्क प्रभारी मुनि जयंत कुमार ने कहा कि कालूगणी का जीवन सादगी व श्रम प्रधान था, जिन्होंने साधु-साध्वियों में वात्सल्य और अनुशासन के मिश्रण से योग्यता विकसित की।
कार्यक्रम में मुनि तन्मय कुमार ने गीतिका से व मुनि देवराज ने विचारों के माध्यम से कालूगणी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तेरापंथ सभा के प्रवक्ता प्रदीप सुराणा ने आचार्य कालूगणी को छापर का महान सपूत बताया। इस दौरान रणजीत दू गड़, राहुल दुधोडिय़ा, जसकरण बोथरा व जयश्री दुधोडिय़ा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में आलोक नाहटा, लक्ष्मीपत सुराणा, कंचन देवी नाहटा, मंजू दुधोडिय़ा, सरोज भंसाली, हर्षा दुधोडिय़ा, संपत डोसी, शांति देवी दुधोडिय़ा, मोहनी देवी सुराणा, रूपचंद दुधोडिय़ा व बजरंग नाहटा सहित अनेक जैन धर्मावलंबी मौजूद थे।