ShortNews in English
Jasol: 02.09.2012
Acharya Mahashraman while addressing conference of TPF told that intelligence is good but if connected by purity then it is better.
News in Hindi
बुद्धि के साथ रहे शुद्धि: आचार्य
02 सितम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के ५वें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ
जसोल(बालोतरा) 02 सितम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
बुद्धिमान होना काफी संभव है। आदमी के पास बुद्धि नामक शक्ति होती है। बुद्धि के द्वारा समस्याओं को समाप्त किया जा सकता है और पैदा भी किया जा सकता है। बुद्धि के साथ अशुद्धि जुडऩे पर वह नुकसान करती है। यह मंगल वक्तव्य आचार्य महाश्रमण ने शनिवार को तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मन, वचन, काय की प्रवृत्ति से मोहकर्म जुडऩे पर ये प्रवृत्तियां मलीन हो जाती है। मोहकर्म के नहीं जुडऩे पर उजली रहती है। शुद्ध बुद्धि कामधेनु होती है। स्वस्थ चित्त में बुद्धि है। शुद्धि बुद्धि से स्फुरणा होती है। बुद्धि के साथ शुद्ध भावना रहनी चाहिए। पढ़ा लिखा आदमी बुद्धि का सदुपयोग करता है। आचार्य ने प्रोफेशनल के लिए कहा कि प्रोफेशनल बुद्धिमान होते हैं। उनमें बुद्धि की स्फुरणा होती है। सही बुद्धि अनेकों का कल्याण करने वाली होती है। आचार्य ने कहा कि ज्ञानावरणीय कर्म के क्षयोपशम से बुद्धि अच्छी होती है। जहां बुद्धि की स्फुरणा होती है। सूझबूझ होती है। वहां अच्छे निर्णय लिए जा सकते हैं और अध्यात्म, साधना व कषाय मंदता के द्वारा बुद्धि को सही दिशा में गतिमान किया जा सकता है। बुद्धि को गाय व शुद्धि को ग्वाला बताते हुए आचार्य ने कहा कि अर्हत भावना का स्मरण कराने वाली बुद्धि अच्छी होती है। बुद्धि का होना एक उपलब्धि होती है।
बुद्धिमान के साथ शुद्धिमान रहे, स्पक्ष रहे। व्यक्ति युक्ति संगत बात को ग्रहण करें। न्याय निष्पक्ष व्यक्ति कर सकता है। न्याय पर बैठे लोग सही निर्णय ही सुनाएं। बुद्धि के द्वारा सेवा की जा सकती है। कार्य के प्रति नैतिक निष्ठा बनी रहे। प्रोफेशनल बुद्धिमान लोगों की कौम है, जो धार्मिक है, चिंतनशील है। ये पहले बिखरे हुए थे, अब माला का रुप ले लिया है। यह अपने आप में विशिष्ट बात है।
साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभा ने कहा कि मु_ीभर संकल्पबद्ध लोग इतिहास की धार को बदल सकते हैं। तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम में अनेक संभवनाएं निहित है।
समाज या राष्ट्र के निर्माण में स्वयं सफल आगे बढऩे वाली प्रतिभाओं की अपेक्षा है। युवा प्रतिभाएं दूरदर्शी योजनाएं बनाएं, युगीन परिस्थितियों पर विचार करें। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि ज्ञान व्यक्ति के लिए मारक व तारक भी बन सकता है। व्यक्ति को तारक बनकर देश समाज को फायदा के साथ परहित को भी साधे। बुद्धिजीवी स्वयं प्रज्ञा के साथ चले तो उसका परमार्थ जागृत होता है। प्रोफेशनल ज्ञान को तरोताजा रखने के लिए निरंतर स्वाध्याय करें। हर बुद्धिजीवी के पास स्वाध्याय की पुस्तक रहनी चाहिए। बुद्धिजीवियों का चारित्र भी बोलना चाहिए। व्यक्ति संस्कृति व सभ्यता से परे की चीज को नकारना सीखें। मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुत विभा ने कहा कि जो संविभाग नहीं करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है। जहां शेयर होता है वहां केयर होता है और व्यक्ति सफल होता है। शेयर के साथ कोई कंडीनेशन नहीं होन चाहिए।