ShortNews in English
Jasol: 06.09.2012
Anuvrata Udbodhan week is going to be celebrated all over India. Today it was celebrated as Pollution Free Day. Acharya Mahashraman said for good environment Sanyam is necessary. Jain followers did not cut big plants. Monks and Nuns even does not touch plants as they believe life in plants.
News in Hindi
पर्यावरण शुद्धि के लिए संयम आवश्यक: आचार्य
जसोल(बालोतरा) जसोल ०६ सितम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत पर्यावरण शुद्धि दिवस पर संयम रखने की प्रेरणा देते हुए जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि हरे-भरे बड़े पेड़ को जड़ से नहीं काटना चाहिए। जैन दर्शन में पौधों में जीवत्व स्वीकार किया गया है। जैन मुनियों की चर्या में अहिंसा का प्रावधान है। साधु का तो हरे पेड़ को छूना भी नहीं होता है। साधु हरियाली पर पैर भी नहीं रखता। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की दृष्टि से वृक्ष लगाना और नहीं काटना भी अच्छी बात है। आचार्य ने कहा कि साधु कच्चे पानी का उपयोग भी नहीं करते और अग्रि का भी प्रयोग नहीं करते। व्यक्ति हाथ धोने, नहाने, कपड़े धोने आदि में पानी के उपयोग का विवेक रखें। व्यक्ति को विद्युत का भी संयम करना चाहिए। विद्युत का अनावश्यक उपयोग न हो। विद्युत का दुरुपयोग न हो। सामान्य प्रकाश से काम होने पर बड़ी लाइटों के उपयोग की अपेक्षा देख लें। व्यक्ति कपड़ों का भी पूरा उपयोग करें। आदमी के व्यवहार, वाणी, जीवन गुणों का महत्व है। कपड़ों का महत्व नहीं है। व्यक्ति कपड़े बढिय़ा पहनने से नाम नहीं होता, इसके लिए अच्छा काम करना होता है। बढिय़ा काम करने से आदमी का इतिहास बनता है। व्यक्ति दूसरों की सेवा, भलाई का काम करें। संयम व मितव्ययता रखें। व्यक्ति भोग का संयम करें। शिक्षक दिवस के अवसर पर आचार्य ने कहा कि शिक्षक एक निर्माता व्यक्ति होता है जो विद्यार्थियों का निर्माण करना है। शिक्षक कागज की पोथी के साथ अपने जीवन की पोथी से भी विद्यार्थियों को पढ़ाने का प्रयास करें। शिक्षक के जीवन से भी विद्यार्थी प्रेरणा ले सकते हैं। शिक्षक ज्ञानदाता व उपकारी व्यक्ति होते हैं।
मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि व्यक्ति प्रवृत्ति से निवृत्ति की ओर से आगे बढ़े। व्यक्ति निरंतर निवृत्ति में रहे। निवृत्ति में रहने वाला विकल्पों से मुक्त रहता है और आगे बढ़ सकता है। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने पर्यावरण पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आचार्य के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि आपके सान्निध्य व प्रवचन से पूरा सिवांची-मालाणी क्षेत्र लाभांवित हो रहा है। आपका चातुर्मास एक नई दिशा देने वाला है। पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने पर्यावरण की समस्याओं व समाधान पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में शांतिलाल भंसाली ने अपने विचार व्यक्त किए। सिवांची मालाणी अणुव्रत समिति की ओर से एक संकल्प बैनर का अनावरण ओम बांठिया, डूंगर चंद सालेचा, सफरु खां द्वारा व विधायकों द्वारा आचार्य की सन्निधि में किया गया। कटक के श्रावक समाज ने संकल्प पत्र का गुलदस्ता आचार्य को भेंट किया। संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया।
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के तहत पर्यावरण शुद्धि दिवस मनाया