ShortNews in English
Jasol: 16.09.2012
Acharya Mahashraman paid homage to Sadhvi Vairagya Shree. He said human life is rare thing.
News in Hindi
मन रहे शुभभावों में: आचार्य
साध्वी वैराग्य श्री की स्मृति सभा आयोजित
जसोल(बालोतरा) १६ सितम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने प्राणी के लिए चार चीजें दुर्लभ बताते हुए कहा कि मानव जीवन मिलना दुर्लभ है। मानव जीवन मिलने पर एक महत्वपूर्ण अवसर का मिलता है मानव जीवन प्राप्त करने वालों को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे मनुष्य धन्य है, जिन्हें साधना करने का मार्ग प्राप्त होता है। साधु देववंदनीय होता है। आचार्य शनिवार को धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। आचार्य ने कहा कि साधु जीवन का मिलना परम सौभाग्य की बात है। साधु बनने पर ज्यादा तपस्या, अराधना, साधना करके साधु निर्जरा का ज्यादा प्रयास करें। साधु की बड़ी सफलता है कि वह अशुभ योग में न जाए। व्यक्ति शरीर, मन, वाणी से ऐसा काम न करें कि जो अशुभ कर्मों का बंधन करें। आदमी का मन शुभता में रहना चाहिए। मन में दूसरों के प्रति सद्भाव, शुभभाव रहे। साधु अपना समय महत्वपूर्ण कार्यों में बीताएं। वे साधु धन्य है, जिनका चित साधना से भावित होता है। प्रयास हो कि साधना और ज्यादा तीव्र गति वाली बने, निखार वाली बने। हाजरी वाचन के दौरान आचार्य ने कहा कि पांच महाव्रत, पांच समिति, ३ गुत्ति हमारा जीवन है, जड़ी बूटी है। इनके प्रति जागरुक रहने से हम आगे बढ़ सकेंगे। आत्मा का कल्याण कर सकेंगे। साध्वी वैराग्य श्री के बारे में आचार्य ने कहा कि साध्वी वैराग्य श्री विशिष्ट व समझदार साध्वी थी। साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने साध्वी वैराग्य श्री के संथारे के कार्यक्रम को विशिष्ट बताते हुए कहा कि हर साधु-श्रावक के लिए चिंतन अनुकरणीय है कि उनके जीवन का समापन संथारे के साथ हो। ऐसा होने पर वे अपना जीवन सफल बना लेते हैं। साध्वी वैराग्य श्री ने अपने जीवन से, अपनी विशेषताओं से सभी को प्रेरित किया है। साध्वी की स्मृति सभा में साध्वी कमलश्री, साध्वी श्वेतप्रभा ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। साध्वीवृंद की ओर से 'शासन-जयवंतों आपारै प्राणों रो आधार है' गीत का संगान किया। मुनि जम्बूकुमार ने मुनि देवेन्द्रकुमार के साध्वी पर रचित मुक्तक का वाचन किया। साध्वी के संसारपक्षीय परिवारोंं वालों से चौरडिय़ा परिवार की बहनों व भाई-बंधु ने गीत की प्रस्तुति दी। अजीत चौरडिय़ा, प्रवास व्यवस्था समिति संयोजक गौतम सालेचा, खूबचंद भंसाली ने अपनी भावांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन मुनि हिमांशुकुमार ने किया।