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Jasol: 17.10.2012
Acharya Mahashraman while addressing 63rd Annual Meeting of Anuvrata Mahasamity told that Sanyam is life. Sanyam is soul of Anuvrata Movement. Sadhu follows Mahavrata and Shrawak follows Anuvrata. Politics is medium of serving people. Politician should stay pure. People who follow code of conduct of Anuvrata can make good and healthy society. Former minister of Rajasthan Sri Gulabchand Kataria was present in function. Anuvrata committee Chennai and Mumbai honored with best Anuvrata Committee of country.
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संयम है अणुव्रत की आत्मा: आचार्य महाश्रमण
जसोल (बालोतरा)त्न संयम धर्म का एक आयाम है। अणुव्रत की आत्मा संयम है। संयम के बिना अणुव्रत जीरो है। संयम ही जीवन है। यह संयम का मंगल संदेश अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण ने सोमवार को अणुव्रत के 63 वें वार्षिक अधिवेशन के समापन अवसर धर्मसभा को संबोधित करते हुए दिया।
उन्होंने कहा कि साधु के लिए महाव्रत है और गृहस्थ के लिए अणुव्रत है। संयम का लंघन होना अवांछित है। व्यक्ति अपने जीवन को अच्छे कार्यों में लगाए। व्यक्ति अर्थ के अर्जन में नैतिकता और उसके खर्च करने में विवेक रखें। आचार्य ने कहा कि अपेक्षाओं में सादगी रखने पर थोड़े पैसों में भी काम चल सकता है। आचार्य ने राजनीति के संदर्भ में कहा कि राजनीति में मंत्री पद आज है, कल नहीं। यानि इसका स्थायित्व नहीं है। परंतु श्रावक त्व का जीवन के अंतिम समय तक रखा जा सकता है।
राजनीति में रहकर त्याग व संयम का जीवन जीना बड़ी बात है। राजनीति भी सेवा का माध्यम है। राजनीति में भी शुद्धि बनी रहे। राजनीति को नैतिकता से परिपूर्ण व सच्ची सेवा का माध्यम बनाए रखना चाहिए। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि अणुव्रत एक जीवन की आचार-संहिता है। अणुव्रत के आधार पर व्यक्ति अपने जीवन को बनाता है तो लाभ स्पष्ट होता है। अणुव्रती व्यक्ति किसी के साथ भी धोखा नहीं करता है। अणुव्रत के आधार पर चलने वाला व्यक्ति एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण करता है।
राजस्थान सरकार के पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि अर्थ के अर्जन के साथ अर्थ के विसर्जन की भावना भी रहनी चाहिए। बेईमानी का पैसा विकृति पैदा करता है। कटारिया ने आचार्य के प्रति अपनी श्रद्धा प्रणति देते हुए कहा कि मैं आपका श्रावक हूं। मैं ऐसा कोई काम नहीं करुंगा, जिससे आपको तकलीफ हो।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुनि विजयकुमार ने अणुव्रत गीत संयम मय जीवन हो का संगान किया। अणुव्रत महासमिति अध्यक्ष बाबूलाल गोलेच्छा ने गुलाबचंद कटारिया को अधिवेशन की किट भेंट की।
अधिवेशन रिपोर्ट अणुव्रत महासमिति महामंत्री संपत सामसुखा ने पेश की। अध्यक्ष बाबूलाल गोलेच्छा ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अपनी शक्ति का नियोजन अणुव्रत के कार्यक्रमों में करें।
प्रवास व्यवस्था समिति के संयोजक गौतम सालेचा ने स्वागत भाषण दिया। अणुव्रत पत्रिका के संपादक महेंद्रकुमार जैन ने आर्थिक शुचिता विशेषांक पर अपना वक्तव्य दिया।
लोकार्पण: कार्यक्रम में अणुव्रत समिति मुंबई के द्वारा व्यसन मुक्ति की सीडी अभियान अर्जुन बाफना, विनोद कोठारी, रमेश धोका ने लोकार्पित की। कन्नड़ भाषा में अनुवादित अणुव्रत आचार संहिता की पुस्तक निर्मला बैद ने आचार्य को उपहृत की। अणुव्रत के 1143 संकल्प पत्र जवेरी लाल संकलेचा ने आचार्य को उपहृत किया। अणुव्रत के 369 संकल्प पत्र चांदमल छाजेड़ ने आचार्य को भेंट किए। कार्यक्रम में आचार्य द्वारा 2011-12 को अणुव्रत सेवी के संबोधन से अलंकृत व्यक्तियों को अध्यक्ष बाबूलाल गोलेच्छा, गुलाबचंद कटारिया, डालचंद कोठारी, कन्हैयालाल, संपत सामसुखा, रतनलाल सुराणा ने सम्मान पत्र से सम्मानित किया तथा सर्वश्रेष्ठ अणुव्रत समिति के रूप में अणुव्रत समिति चेन्नई तथा श्रेष्ठ अणुव्रत समिति के रूप में अणुव्रत समिति मुंबई को सम्मानित किया गया। आ