ShortNews in English
Jasol: 20.10.2012
Acharya Mahashraman said that beside physical health mental health and emotional health is also necessary. He also said for happiness Sadhana of equanimity is necessary.
News in Hindi
'समता से प्रसन्नता संभव': आचार्य महाश्रमण
जसोल. दि.२०.१०.१२.
शरीर के स्वस्थ रहने के साथ मानसिक व भावात्मक स्वास्थ्य का भी महत्व है। शरीर की स्वस्थता के लिए आदमी स्नान कर निर्मल होने का प्रयास करता है। ऊपर से निर्मल होना अलग बात है। भीतर से निर्मल होना विशेष व आवश्यक बात है। यह स्वस्थता का संदेश आचार्य महाश्रमण ने वीतराग समवसरण में धर्मसभा को संबोधित करते हुए प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आदमी रसना विजयी बने। वह खाने का संयम रखें। विवेक शरीर के स्वस्थ बने रहने में सहयोगी है। व्यक्ति जीभ के स्वाद के लिए ही भोजन नहीं करें। शारीरिक आरोग्य के लिए रसना विजयी होना आवश्यक है। आचार्य ने कहा कि आदमी को मानसिक रूप से प्रसन्न रहना भी एक उपलब्धि है। आदमी मानसिक प्रसन्नता के लिए समता का अभ्यास करें। व्यक्ति अनुकूलता व प्रतिकूलता में सम रहने का प्रयास करें। आचार्य ने कहा कि आदमी दुराग्रह को छोड़कर दृष्टि की प्रसन्नता को प्राप्त कर सकता है। आचार्य ने कहा कि आदमी का सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन व सम्यक चारित्र पुष्ट हो। ये तीन बोधियां होती है। ये निर्मल रहनी चाहिए। ज्ञान-दर्शन चारित्र की आराधना निर्मल रहने पर भव-भ्रमण भी कम हो सकता है। व्याधि-आधि-उपाधि चित्त समाधि में बाधा है। आचार्य ने कहा कि किसी को धर्मोपदेश देकर ज्ञान प्रदान कर देना भी बड़ी सेवा है। व्यक्ति स्वयं समाधि में रहे और दूसरों को भी समाधि पहुंचाने का प्रयास करें। कषाय विजय होने पर आरोग्य, बोधि, समाधि भी मिलती है।
व्यक्ति साधना का अभ्यास करे और गुस्सा, अहंकार को प्रतनु करने का प्रयास करें। कार्यक्रम में केसिंगा से समागत समणी विपुल प्रज्ञा ने अपने श्रद्धानिष्ठ भावों की अभिव्यक्ति दी। केसिंगा सभाध्यक्ष शंभुलाल जैन ने अर्ज मय प्रस्तुति दी।
हैदराबाद की गायन मंडली संतोष मंडल ने गीत द्वारा अभ्यर्थना दी। प्रवास व्यवस्था समिति संयोजक गौतम सालेचा, अध्यक्ष जसराज बुरड़ व महामंत्री शांतिलाल भंसाली ने 5 नवंबर को होने वाले दीक्षार्थियों की संक्षिप्त जानकारी के साथ निर्मित फोल्डर का लोकार्पण किया।