11.11.2012 ►Jasol ►Three Day Shivir of Gyanshala in Presence of Acharya Mahashraman

Published: 13.11.2012
Updated: 08.09.2015

ShortNews in English

Jasol: 11.11.2012

Gyanshala students of Sivanchi Malani area are attending three days Shivir in presence of Acharya Mahashraman. Children took vow not to bust crackers for the sake of good environment. Acharya Mahashraman said beside education in school good Sanskar has important role in life which can be acquired by Gyanshala

News in Hindi

जसोल(बालोतरा) 11 11 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

बचपन की अवस्था विकास करने की अवस्था हैं, इस पड़ाव में स्कूली शिक्षा के साथ-साथ नैतिक-आध्यात्मिक शिक्षा भी अपेक्षित रहती है। ज्ञानशालाा ज्ञानार्जन व व्यक्तित्व विकास का सटीक माध्यम है। ज्ञानशाल के माध्यम से छोटे-छोटे बच्चों में जैन विद्या का संस्कार भरा जाता है। ये उद्गार तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने शनिवार को जसोल में त्रिदिवसीय सिवांची-मालाणी स्तरीय ज्ञानशाला शिविर के उद्घाटन सत्र में उपस्थित छात्र-छात्राओं व धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि यह तेरापंथ धर्मसंघ से जुड़े बच्चों का अहोभाग्य है कि उन्हें ज्ञानशाला जैसा सुंदर उपक्रम मिला। आचार्य तुलसी ने अनेक अवदान दिए, जिसमें एक महत्वपूर्ण अवदान ज्ञानशाला भी है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कस्बों के साथ-साथ दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि महानगरों में भी बच्चों का व्यापक आकर्षण ज्ञानशाला के प्रति बढ़ जाए तो कई बुराइयों से बचा जा सकता है। बच्चों ने अगर नैतिक-आध्यात्मिक ज्ञान व विनयशीलता के संस्कार आ जाए तो यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। ज्ञान शालाओं के संचालन में जहां किशोर मंडल, कन्या मंडल, महिला मंडल, युवक परिषद, तेरापंथ सभा से जुड़े कार्यकर्ता व प्रशिक्षक सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं। वहीं अभिभावक भी अपने बच्चों को प्राथमिकता के साथ ज्ञान शालाओं में भेज रहे हैं, जो कि प्रेरणादायी उदाहरण है। इस अवसर पर जसोल ज्ञानशाला के बच्चों ने -अर्हम-अर्हम की वंदना फले' गीत की प्रस्तुति दी। वहीं पचपदरा ज्ञानशाला के बच्चों ने हाथ की अंगुलियों को प्रतीक बनाकर एकता का रोचक संवाद प्रस्तुत किया। मुनि सुमेरमल ने भी उद्बोधन दिया। तेरापंथ सभा जसोल के मंत्री संपत राज चौपड़ा ने पर्यावरण रैली व ज्ञानशाला के त्रिदिवसीय शिविर की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया।

नन्हें बच्चों ने रैली में दिखाया उत्साह: नन्हें मुन्हे पूरे जोशोखरोश के साथ 'पर्यावरण की करे सुरक्षा, तभी होगी जीवन की रक्षा', 'प्रदूषण से दूषित है धरती और आकाश, पर्यावरण की रक्षा से होगा सही विकास', 'एक दो तीन चार, पर्यावरण की रक्षा हर बार' जैसे नारों से युक्त तख्तियां थामे शनिवार को सवेरे 8 बजे जसोल के पुराने ओसवाल भवन से पर्यावरण शुद्धि रैली के माध्यम से जन-जन को उद्बोध दे रहे थे।

इन नन्हें मुन्नों ने आगामी दीपावली में आतिशबाजी न करने का संकल्प भी लिया। साथ ही औरों को भी पर्यावरण रक्षा के लिए आतिशबाजी न करने के संदर्भ में एक दिन में लगभग एक हजार संकल्प पत्र भी भरवाएं। स्वयं आचार्य महाश्रमण ने ज्ञानशाला के इन दृढ़ संकल्पी बच्चों की अनुशंषा करते हुए कहा कि छोटे-छोटे बच्चों ने दीपावली पर पटाखे नहीं छोडऩे का संकल्प लेकर अच्छा संकेत दिया है। रैली में तेरापंथ सभा जसोल के अध्यक्ष खूबचंद भंसाली, मंत्री संपत राज चौपड़ा तथा चातुर्मास व्यवस्था समिति के पदाधिकारी, युवक परिषद, महिला मंडल, कन्या मंडल के अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

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