02.12.2012 ►Jasol ►Acharya Mahashraman Did Stuti of Lord Parshavnath at Nakoda Temple

Published: 03.12.2012
Updated: 08.09.2015

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Jasol: 02.12.2012

Acharya Mahashraman Did Stuti of Lord Parshavnath at Nakoda Temple.

News in Hindi

नाकोडा जी मन्दिर में आचार्य महाश्रमण जी ने स्तुति की
29 नवम्बर 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

नाकोडा जी मन्दिर में आचार्य महाश्रमण जी ने वहां आचार्य ने भगवान पार्श्वनाथ 'प्रभु पार्श्व देव चरणों में शत शत प्रणाम हो, मेरे मानस के स्वामी तुम एक धाम हो।'' की स्तुति कर शांति भवन की ओर प्रस्थान किया। ट्रस्ट मंडल की ओर से आचार्य के सान्निध्य में स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुप्रिया बरडिय़ा ने स्वागत गीत द्वारा आचार्य प्रवर, धवल वाहिनी एवं सभी श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत किया। नाकोड़ा ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गणपतलाल पटवारी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। ट्रस्ट परामर्शक मुकनचन्द मेहता ने अभिनंदन-पत्र का वाचन किया। स्वागत कार्यक्रम के बाद आचार्य ने अपने मंगल उद्बोधन व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राग-द्वेष जीतने का परम साधन साधना होती है। महत्व यह नहीं है कि व्यक्ति किस देश, वेश या परिवेश में है? महत्व यह है कि उसने वीतराग की साधना साध कर अपनी आत्मा का कल्याण किया। जगत में अवीतराग आत्माएं अनन्त है, तो वीतराग आत्माएं भी अनन्त है। आचार्य के मंगल उद्बोधन के बाद मंत्री मुनि सुमेरमल लाडनूं तथा साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्टी वीरचंद वडेरा ने किया।

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

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