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Rajsamand: 02.12.2012
Muni Jatan Kumar told people in his last Pravachan of Chaturmas to purify you soul.
News in Hindi
आत्मा को पवित्र बनाएं'
'आत्मा को पवित्र बनाएं'
चातुर्मास के अंतिम दिन के प्रवचन में मुनि जतनकुमार ने दी सीख
नगर संवाददाता राजसमंद Published on 29 Nov-2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मुनि जतनकुमार लाडनूं ने श्रावकों को आत्मा पवित्र बनाने की सीख दी है। उन्होंने कहा कि आत्मा निर्मल रहेगी, तब ही मनुष्य सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है। वर्तमान दौर में इंसान सांसारिक मोह-माया के पीछे भाग रहा है, जो उसके पतन का कारण बन गई है।
वे भिक्षु बोधि स्थल राजनगर में चातुर्मास के अंतिम दिन मंगल भावना समारोह में प्रवचन कर रहे थे। इस अवसर पर मुनि जतन कुमार ने राजा परदेशी के व्याख्यान का विवेचन किया। उन्होंने कहा कि आत्मा को पवित्र बनाने से सारे कष्ट खत्म हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म आत्मा की शुद्धि बढ़ाता है। धर्म के पथ पर चलकर इंसान सांसारिक मोह-माया के बंधन से छूट सकता है। मुनि ने कहा कि मंगल भावना व्यक्ति को महान बनाती है। उन्होंने कहा कि चातुर्मास ज्ञान, दर्शन, चरित्र और तप की भावना की सीख देता है।
इससे श्रावकों को सीखना चाहिए। चातुर्मास में बताए गए आदर्श श्रावक जीवन में उतारेंगे, तब ही इसकी सार्थकता सिद्ध हो पाएगी। मुनि आनंद कुमार ने संतो को बहते पानी हुए निर्मल पानी समान बताया है। उन्होंने ने कहा कि संत कभी एक जगह पर ठहरते नहीं है जो ठहरता नहीं वहीं सही मायने में संत कहा जा सकता है। मुनि ने कहा कि संत एक जगह से दूसरी जगह पर जाते है और वहां के लोगों को धर्म का मर्म समझाते है। मुनि ने चरैवेती-चरैवेती के सिद्धांत पर सदैव गतिशील रहने की सीख दी। उन्होंने अध्यात्म, ज्ञान, दर्शन, चरित्र और तप को आत्मसात करने की बात भी कही।
समारोह में तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष मंजू शोभावत, सुंदरलाल लोढ़ा, ज्ञानशाला प्रभारी मंजू दक, तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय सदस्या मंजु बड़ोला ने विचार रखे। समारोह का संचालन भिक्षु बोधि स्थल के कार्याध्यक्ष रमेश चपलोत ने किया। चपलोत ने बताया कि गुरुवार को मुनि जन भिक्षु बोधि स्थल राजनगर से सुबह 7:51 बजे विहार कर अस्पताल के सामने निर्मल सोनी के आशीष सदन में विराजेंगे।