ShortNews in English
Falsund: 11.12.2012
Acharya Mahashraman told village people to stay away from pride and always be helpful to others. He also said to serve humanity is greatest religion.
News in Hindi
मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है: आचार्य
अहिंसा यात्रा के दूसरे दिन सैकड़ों की संख्या में उमड़े ग्रामीण
फलसूंड 11 दिसम्बर 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
कस्बे में आयोजित अहिंसा यात्रा के अवसर पर सोमवार को राउमावि प्रांगण में आचार्य महाश्रमण के प्रवचनों को सुनने के लिए गांवों ढाणियों से सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष तथा बच्चे पहुंचे। इस अवसर पर आचार्य महाश्रमण ने उपस्थित लोगों को सीख दी कि व्यक्ति को अपना कर्म करते रहना चाहिए। साथ ही अपनी कमाई में से कुछ अंश दीन दुखियों व मानव सेवा में अवश्य लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी को कभी भी अपने ऊपर गर्व नहीं करना चाहिए और न ही किसी को दुखी करना चाहिए।
अहिंसा यात्रा में आए संतों व साध्वियों ने भी उपस्थित लोगों को प्रवचन दिए। इस अवसर पर दांतल, झलोडा, भीखोड़ाई, पदमपुरा, भणियाणा, चाबा, शेरगढ़, हीरे की ढाणी, केसुला, खोखासर, मानासर, भुर्जगढ़, स्वामीजी की ढाणी सहित कई गांवों से सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। इस अवसर पर तेरापंथी मंडली चोपड़ा परिवार, तातेड़ परिवार व कोयर परिवार ने लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।