ShortNews in English
Sahar: 19.12.2012
Acharya Mahashraman said that dharma is greatest auspicious. Dharma means Non-violence, Sanyam and Tap. Life style can be improved by practicing dharma.
News in Hindi
धर्म सबसे बड़ा मंगल'
शहर गाव (बालोतरा) 19 दिसम्बर 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
दुनिया में धर्म सबसे बड़ा मंगल है। अहिंसा, संयम और तप के द्वारा जीवन शैली को उन्नत बनाया जा सकता है। धर्म जीवन में आने पर शांति और समता का विकास होता है। ये उद्बोधन जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने मंगलवार को शहर गांव के राजकीय उमावि में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। आचार्य ने आवेश और क्रोध को हिंसा का जनक बताते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन में अहिंसा की भावना को पुष्ट करना चाहिए। प्रारंभ से संस्कार निर्माण होने पर छात्र श्रेष्ठ नागरिक बन सकते हैं। हिंसा के निमित व्यक्ति को हिंसा की ओर अग्रसर करते हैं। अहिंसा प्रशिक्षण के द्वारा स्वस्थ पीढ़ी का निर्माण किया जा सकता है। आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ ने जीवन विज्ञान का पाठ्यक्रम प्र्रस्तुत कर शिक्षा जगत को अभिनव आयाम दिया है। जीवन में ज्ञान के साथ सदाचार जरुरी है। यह प्रायोगिक प्रशिक्षण से ही संभव हो सकता है। प्रारंभ से नशा मुक्त रहने का संकल्प जीवन बगिया को सुरम्य बनाने वाला है। आचार्य महाश्रमण ने स्कूल में छात्र-छात्राओं को नशामुक्त रहने का संकल्प दिलाया। किशनीराम चुन्नीलाल रावतमल तातेड़ परिवार जसोल की ओर से आतिथ्य सत्कार किया गया। साथ ही सभी शहर के ग्रामीणों द्वारा आचार्य का स्वागत अभिनंदन किया गया।
किशोर मंडल की सेवाएं सराहनीय: तेरापंथ किशोर मंडल की ओर से रास्ते में सेवाएं दी जा रही हैं। संयोजक मुदित ढेलडिय़ा ने बताया कि उप संयोजक लालचंद संकलेचा, हेमंत श्रीश्रीमाल, तरुण भंसाली, गौरव भंसाली, अंकित छाजेड़, अभिषेक सालेचा, पियूष मोदी सहित सदस्य नियमित सेवाएं दे रहे हैं।
कार्यक्रम में रखे विचार: राजकीय मावि शहर में सवेरे कार्यक्रम में सुश्री मोनिका, कविता एंड पार्टी की ओर से भगवान खुद चलकर आए... गीतिका से मंगलाचरण हुआ। कार्यक्रम में रावतमल तातेड़, उषभराज तातेड़, महेंद्रकुमार तातेड़, कमलेश कंकु चौपड़ा, सरपंच खेमाराम चारण, प्रधानाध्यापक किरताराम बेरड़ व साध्वी पावनयशाजी सहित वक्ताओं ने उद्गार व्यक्त किए। इस दौरान कैलाशचंद मेहता, लकमीचंद कोठारी, नेमीचंद मेहता, डूंगरचंद वडेरा, जसराज बुरड़, प्रकाशचंद नाहटा, प्रकाश गांधी मेहता, राजेंद्र तातेेड़, अभातेयुप के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य कांतिलाल ढेलडिय़ा, सोहनराज संकलेचा, मूलाराम सुथाार, भूराराम सुथार, आईदानराम भांभू, दौलतराम चारण, मीठालाल नाहटा, महेंद्र कोठारी सहित शहर गांव, जसोल व बालोतरा श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे।