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Balotara: 23.12.2012
Muni Kishanlal while addressing workshop for Jeevan Vigyan told that it is art of constructive life. He also told all guardians want good memory of their children and it is possible by Jeevan Vigyan. Anger can be controlled by experiment of Jeevan Vigyan.
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जीवन विज्ञान जीवन निर्माण की कला: मुनिबालोतरा Updated on: Tue, 23 Dec 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जीवन विज्ञान जीवन निर्माण की कला है। व्यक्ति श्रेष्ठ जीवन जीना चाहता है, लेकिन उसके अनुरूप क्रियाकलाप करना नहीं चाहता है। ये उद्गार आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती संत पे्रक्षा प्राध्यापक मुनि किशनलाल स्वामी ने आयोजित जीवन विज्ञान कार्यशाला के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि माता-पिता अपनी संतानों को श्रेष्ठ जीवन व नौकरी के योग्य बनाने के लिए स्कूलों में भेजते हैं। जिस आशा से उन्हें भेजा जाता, जब वह प्राप्त नहीं होता है तो उन्हे निराशा होती है। मुनि ने कहा कि आप चाहते हैं अपनी संतान की स्मृति का विकास हो, क्रोध का निवारण हो और श्रेष्ठ जीवन का निर्माण हो तो आप स्वयं अपने प्रियजनों एवं संतानों को इस कार्यशाला में सम्मिलित करवाकर अपने दायित्व का निर्वहर कराए। मंत्री निलेष सालेचा ने बताया कि इस कार्यशाला की कक्षाएं २५ से २९ दिसंबर तक न्यू तेरापंथ भवन में आयोजित होगी।