ShortNews in English
Kher: 15.01.2013
Acharya Mahashraman told people of village to be good people and for that stay away from anger and ego.
News in Hindi
अहंकार में नहीं पड़ेे मनुष्य: महाश्रमण
आचार्य का खेड़ में मंगल प्रवेश, दर्शनार्थ उमड़े श्रद्धालु,
बालोतरा में आज होगा तीसरी बार मंगल प्रवेश
खेड़ 15 जनवरी 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
'मनुष्य के भीतर अनेक वृत्तियां होती है। उसमें अहंकार व लोभ की वृत्ति, क्रोध व माया के संस्कार भी होते हैं। ये वृत्तियां यदा-कदा उभर जाती हैं और ऐसा कोई वेग या भाव आता है कि व्यक्ति में आक्रोश व अहंकार आ जाता है।' यह उद्बोधन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने सोमवार को खेड़ में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि आदमी कभी छलना और प्रपंच में पड़ जाता है। आदमी में जब अहंकार आता है तो उसे आक्रोश भी आ जाता है और वह दूसरे का तिरस्कार भी कर देता है। आचार्य ने प्रेरणा देते हुए कहा कि मनुष्य को इस प्रकार के अहंकार में नहीं पडऩा चाहिए कि वह दूसरे की अवमानना करने लगे। अहंकार प्रबल होता है तो परमानंद जाग जाता है तो ना अहंकार का और ना ही बुद्धि का अस्तित्व रहता है। उन्होंने कहा कि कुछ साधनशील मनुष्य ऐसे होते हैं, जिनके भीतर में आनंद होता है। उनके लिए काम भोग व विषय भोग का आनंद कुछ भी नहीं होता है। वे आत्मस्थ रहते हैं, ऐसे व्यक्तियों को परमसुख मिलता है। यह सुख विषय भोगार्थियों को नहीं मिलता है। आचार्य ने प्रेरणा देते हुए कहा कि आदमी जागरुक रहे, वह अपनी हर अवस्था का समुचित लाभ उठाने का प्रयास करेंं। आदमी अपने आत्मोत्थान के लिए कार्य करें। आदमी में प्रामाणिकता का भाव पुष्ट रहे, वह दूसरों को सम्मान दे। आदमी संयम रखें व विनम्र बनें।