24.01.2013 ►Asadha ►Spirituality is Greatest Capital of Life◄ Acharya Mahashraman

Published: 24.01.2013
Updated: 08.09.2015

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Asadha: 24.01.2013

Acharya Mahashraman said after giving Diksha to four Mumukshu that spirituality is greatest capital of life. He also gave teaching to new monks and nuns.

News in Hindi

असाड़ा (बालोतरा) 24जनवरी 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो आसाडा
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'संजमो' आध्यात्मिक विचारों से भरा शब्द है। बिना संयम के जिंदगी का कोई महत्व नहीं होता। धर्म जीवन की एक बड़ी पूंजी है। धर्म से विहीन व्यक्ति सिर्फ धौंकनी की भांति श्वास लेता और छोड़ता है। उसका जीवन प्राणहीन जीवन है। ये उद्गार जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने बुधवार को वर्धमान समवसरण में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि हम अगला वर्ष आचार्य तुलसी की जन्म शताब्दी वर्ष मनाने जा रहे हैं। शताब्दी वर्ष में सौ व्यक्तियों को महाव्रती बनाने का सपना संजोया है, जिसके अंतर्गत यह चार दीक्षाएं हो रही है। दीक्षा स्वीकार करने का तात्पर्य है व्रतों एवं संयम को स्वीकार करना। संयम का तात्पर्य है जो नहीं बोलना चाहिए उसे नहीं बोलना, सोच सोचकर तोल तोलकर बोलना चाहिए। जैसे वाणी का संयम है वैसे ही भोजन का संयम होना अनिवार्य है। जिस वस्तु का सेवन करने से कठिनाई उत्पन्न होता है, उसे बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए, यह संयम है। हमें इंद्रियों और विचारों का भी संयम करना चाहिए। दूसरों के एवं खुद के गलत विचारों में पड़कर हमें स्वयं का नुकसान नहीं करना चाहिए। संयम को प्राप्त कर संयम का जीवन जीना चाहिए।

दीक्षा महोत्सव का आयोजन:
आचार्य महाश्रमण ने वर्धमान समवसरण में चार युवाओं को संयम रत्न प्रदान किया। चारों मुमुक्षु कई वर्षों से अपनी साधना में संलग्न थे। फिर संयम की परिपक्वता व पारिवारिक जनों की लिखित एवं मौखिक आज्ञा प्राप्त होने पर हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में गुरुवार को दीक्षा प्रदान की। दीक्षा के बाद आचार्य महाश्रमण ने मुमुक्षु जवेरीलाल जीरावला का नामकरण मुनि जिज्ञासु कुमार, मुमुक्षु भाग्यश्री का नाम साध्वी भावितयशा, मुमुक्षु पूजा बाफना का नाम साध्वी प्रशांतयशा तथा मुमुक्षु मैत्री सिंघवी का नाम साध्वी मंजूलयशा रखा। गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व आचार्य ने बालोतरा में दीक्षित मुनि क्षेमंकर कुमार तथा साध्वी प्रांजलयशा को बड़ी दीक्षा प्रदान की थी। दीक्षा कार्यक्रम में मुनि मधुरकुमार व मुनि हेमंतकुमार ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन मुनि हिमांशुकुमार ने किया। व्यवस्था समिति के संयोजक बाबूलाल सिंघवी ने आगंतुकों का स्वागत किया तथा महामंत्री जवेरीलाल ने आभार ज्ञापित किया।

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

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