News in Hindi
लाडनूं. राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष अर्जुनदेव चारण।
लाडनूं जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जैन विश्वभारती संस्थान के अंतर्गत आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं कॅरिअर काउंसलिंग सैल के तत्वावधान में आचार्य तुलसी का हिन्दी एवं राजस्थानी साहित्य में मूल्य दर्शन एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष अर्जुनदेव चारण ने राजस्थानी भाषा के प्रचार को ध्यान में रखते हुए राजस्थानी भाषा में विचार रखे तथा आचार्य तुलसी के राजस्थानी एवं साहित्य की मीमांसा की। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी ने साहित्य के माध्यम से मूल्यों को स्थापित किया। अध्यक्षता करते हुए संस्थान की कुलपति समणी चारित्र प्रज्ञा ने कहा कि आचार्य तुलसी विश्व संत थे उनका हिन्दी एवं राजस्थानी साहित्य मानवता को समर्पित रहा है। इससे पूर्व कुलसचिव डा. अनिल धर ने स्वागत भाषण दिया। प्राचार्या डॉ. समणी मल्ली प्रज्ञा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. जुगलकिशोर दाधीच ने व आभार प्रगति भटनागर ने व्यक्त किया। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में प्रो. कृष्णा मोहनोत, प्रो. एनके भाबा, प्रो. भंवरसिंह सामौर, डॉ. नंदलाल कल्ला ने आचार्य तुलसी के साहित्य पर चर्चा की। कार्यशाला के तृतीय सत्र में डॉ. भवानी शंकर रांकावत, डॉ. गजानन्द चारण, डॉ. भंवरलाल प्रजापत, डॉ. सीएस चारण, डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी आदि ने चर्चा की। कार्यशाला में अनेक विद्वानों ने भाग लिया। इस अवसर पर जेपी सिंह, मधुकर दाधीच, केके मोदी, डॉ. विनित गोधल, डॉ. वीरेंद्र भाटी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।