ShortNews in English
Bikaner: 26.12.2013
Muni Jayant Kumar and Muni Meru Kumar are Visiting First Time Their Native Village after Diksha. Acharya Mahashraman will be first Acharya of Terapanth to visit this village. Kothari Family to whom both Muni belongs in worldly relation are preparing for welcome of Acharya Mahashraman along with villagers of Kuchor Aguni. Muni Jayant Kumar took Diksha in 1997 and Muni Meru Kumar took Diksha in 2008.
News in Hindi
दीक्षा लेने के बाद पहली बार गांव पहुंचे मुनि जयंतकुमार व मुनि मेरुकुमार
तेरापंथ के 11 आचार्य में से आचार्य महाश्रमणजी पहले आचार्य है जो कुचौर अगुणी गांव पधार रहे हैं।
बीकानेर 26 दिसंबर 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
कुचौर अगुणी गांव का माहौल बुधवार सुबह एकदम धर्ममय बना हुआ था। हर कोई भावुक था उस क्षण को देखकर जब गांव के दो युवक जैन मुनि बनकर गांव पहुंचे। दीक्षा लेने के बाद पहली बार एक साथ गांव पहुंचे मुनि जयंतकुमार व मुनि मेरुकुमार से उनके सांसारिक माता-पिता किरणदेवी व लालचंदजी कोठारी ने आशीर्वाद लिया। कुचौर अगुणी निवासी मुनि जयंतकुमार ने 12 वर्ष की आयु में 1997 में जैन धर्म की दीक्षा ली थी। इसके बाद उनके बड़े भाई भी 2008 में दीक्षा लेकर मुनि श्री मेरुकुमार बन गए। लालचंदजी कोठारी के तीन बेटों में से सबसे बड़े बेटे पवनकुमार ने बताया कि उनके दोनों भाईयों ने नेज ज्ञान तप चारित्र,एवम संयम का पथ अपनाया। उनका पूरा परिवार अभी आचार्य श्री महाश्रमणजी के पहली बार गांव पहुंचने पर अलग-अलग-जगह से एकत्र होकर गांव आया हुआ है। पवनजी ने बताया कि उनके गांव के लिए यह बड़े गौरव की बात है कि तेरापंथ के 11 आचार्य में से आचार्य महाश्रमणजी पहले आचार्य है जो गांव पधार रहे हैं। उनके स्वागत के लिए गांव में तैयारियां पूरी हो चुकी है।