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Mahajan: 02.03.2014
Acharya Mahashraman Reached Mahajan.
News in Hindi
महाजन में धवल सेना के साथ प्रवेश करते आचार्य श्री महाश्रमण।
आचार्य महाश्रमण का महाजन में हुआ प्रवेश
पुरुषार्थ से डरना है कायरता
जैतस न्यूज ब्योरो महाजन से शालू चौपड़ा
पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमणजी ने शनिवार को मलकीसर से विहार करते हुए महाजन में प्रवेश किया। इस दौरान आचार्य का कस्बेवासियों की तरफ से जगह-जगह स्वागत किया गया।
कस्बे के उमावि में पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमणजी ने कहा कि व्यक्ति को पुरुषार्थ का साथ कभी नहीं छोडऩा चाहिए, जो इंसान पुरुषार्थ नहीं करता वह किसी लायक नहीं बनता है। आलस्य ही मानव का सबसे बड़ा दुश्मन होता है जो हमारे शरीर में ही निवास करता है। पुरुषार्थ भी विवेकपूर्ण होना चाहिए। परिश्रम से बड़ा कोई बंधु नहीं है। हमें मन, कर्म व वचन से कभी भी किसी को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए। पूज्य प्रवर ने राजा, कर्मचारी व अन्य लोगों के अलग-अलग कत्र्तव्य बताते हुए उनका पालन करने की सीख दी। पूज्य प्रवर ने विद्यार्थी वर्ग को भी नियमित अध्ययन करते हुए अपने पुरुषार्थ से दूर नहीं भागने को कहा। राजमार्ग पर कस्बे से तीन किमी पहले डॉ. मदन गोपाल लढ़ा, अशोक छिम्पा, श्याम देरासरी, राजूराम शर्मा, लूणाराम वर्मा आदि ने आचार्यश्री का स्वागत किया।
कस्बे में हंस वाहिनी पब्लिक स्कूल के बच्चों ने आचार्य का जयघोष कर स्वागत किया। जुलूस में तेरापंथी सभा के अध्यक्ष उम्मेदमल बोथरा, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनूप बोथरा, रतनलाल सेठिया, कांत कुमार सेठिया, ओमप्रकाश सेठिया, पूर्णचंद सेठिया, विनोद चौपड़ा, तेरापंथ युवक परिषद के उपाध्यक्ष श्रेयांस बैद, ओमप्रकाश सोमाणी, शंकरलाल लखोटिया, तीर्थराज संस्कर्ता आदि शामिल थे।
02/03/2014