ShortNews in English
Suratgarh: 07.03.2014
Mumukshu Jayash Ashok Barlota Will be Given Diksha on 18th June 2014 by Acharya Mahashraman at Delhi. Possibly it be 100 th Diksha after Acharya Mahashraman took task to give 100 Diksha till completion of Acharya Tulsi Birth Centenary.
News in Hindi
राग के साथ त्याग भी होना चाहिए और राग पर त्याग का अंकुश भी रहना चाहिए।
भोग के साथ योग साधना भी चलनी चाहिए। सम्यक ज्ञान चारित्र का साधना योग बन जाता हैं।
राग पर त्याग, भोग पर योग रहना चाहिए । यदि कोई व्यक्ति अणुव्रत के छोटे छोटे नियम अपना लेता हैं तो वो आंशिक रूप से त्यागी बन जाता हैं। जनता में यह विश्ववास जगाना चाहिए कि संयम से चेतना का विकास किया जा सकता हैं।
पुरषार्थ सम्यक और विवेकपूर्ण करने वाला व्यक्ति मोक्ष की तरफ भी बढ़ सकता हैं ।
आचार्यप्रवर ने फ़रमाया की गुरुदेव तुलसी ४८ साल पहले सूरतगढ़ थे, उसके बाद हम आये हैं और बहुत से संत साध्विया तो पीलीबंगा, गंगानगर अंचल में आये हैं।
धर्मसंघ में मुनि अशोक कुमार जी, साध्वी श्री पुन्यदर्शना जी,साध्वी श्री प्रियदर्शना जी और श्रमणी मल्लिप्रज्ञा जी सूरतगढ़ से ही हैं।
तेरापंथ महिला मंडल द्वारा स्वागत गीत, तेरापंथ सभा की तरफ से मांगीलाल जी रांका ने पुज्यप्रवर के अभिनन्दन पत्र का वाचन किया, तेरापंथ युवक परिषद् ने गीतिका के माध्यम से आराध्य का स्वागत अभिनन्दन किया ।
मूर्तिपूजक संघ की बहनों ने भी आराध्य का अभिनन्दन गीतिका के माध्यम से किया।
सूरतगढ़ से विधायक श्रीमान राजेंद्र जी ने भी पुज्यप्रवर के सूरतगढ़ पधारने पर स्वागत किया।
श्रमणी मल्लिप्रज्ञा जी ने आचार्यप्रवर का स्वागत करते हुए पुनः जल्द से जल्द सूरतगढ़ पधारने की बात कही ।
मुनि अशोक कुमार जी ने भी अपनी जन्म भूमि पर स्वागत किया और आचार्यप्रवर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की, कि आचार्यप्रवर ने अपना प्रवास १दिन से बढ़ा कर २दिन कर दिया ।
मुनि अशोक कुमार जी ने पुज्यप्रवर से निवेदन किया की गंगानगर की तरफ बार बार पधारे, और एक बड़ा भव्य आयोजन गंगानगर को देवें।
मंच संचालन मुनि श्री दिनेश कुमार जी ने किया । 06/03/2014