ShortNews in English
Pilibanga: 10.03.2014
Acharya Mahashraman reached Pilbanga. Grand welcome was given to him. Acharya Mahashraman told people to follow moral values. Acharya Mahashraman addressing people told Non-violence and Sanyam are key points of religion. Acharya Tulsi Circle and Diagnostic Centre were made public in presence of Acharya Mahashraman. Muni Vijayraj meet first time with Acharya Mahashraman after becoming Acharya.
News in Hindi
गुरु शिष्य का प्रथम बार मिलन (आचार्य बनने के बाद)
मुनि श्री विजयराजजी, गुरु को समुख पाकर हुए हर्षित गुरु को कि वंदना, आचार्य प्रवर ने कि अभिवंदना pilibanga 09/03/2014
पूज्य प्रवर ने प्रदान किया मंगल आशीर्वाद
लोकार्पण: पीलीबंगा में अपने दो दिवसीय प्रवास के तहत सोमवार को दूसरे दिन कस्बे में तेरापंथ सभा द्वारा पालिका प्रशासन के सहयोग से बनवाए गए नवनिर्मित आचार्य तुलसी सर्किल, आचार्य तुलसी मार्ग सहित आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर का लोकार्पण किया 09/03/2014
पीलीबंगा 09/03/2014
धर्म से बड़ा कोई मंगल कार्य नहीं है। अहिंसा, संयम और तपस्या ही धर्म है। मनुष्य अपने जीवन में अहिंसा, संयम और तप को अपना लें तो धर्म उसके जीवन में स्वत:: ही आ जाता है। यह बात ग्यारहवें अधिशास्ता महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी ने पुराने व्यापार मंडल कार्यालय के सामने हुई धर्मसभा में कही। पूज्य प्रवर पीलीबंगा दो दिवसीय प्रवास पर अपनी धवल वाहिनी के साथ पधारे!आचार्य श्री महाश्रमण स्वागत समिति की ओर से आयोजित धर्मसभा में उन्होंने कहा कि जहां अहिंसा और संयम नहीं है वहां धर्म और कल्याण की बात करना व्यर्थ है। मृत्यु शास्वत सत्य है, मनुष्य को अपने जीवन में संयम का अभ्यास करना चाहिए। क्योंकि ये तीनों ही मनुष्य को इस सांसारिक जीवन जीने की अद्भुत कला सिखाते हैं। उन्होंने कहा आचार्य श्री तुलसी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में प्रत्येक व्यक्ति को अहिंसा, तप और संयम को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प करना चाहिए। संयम से जीवन का विकास होता है और तपस्या से जीवन में निखार आता है।
ये भी हुए शामिल: आचार्य श्री के पीलीबंगा आगमन पर तेरापंथ सभा, जैन सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल, अणुव्रत समिति, निरंकारी मंडल, शिक्षण समिति, व्यापार मंडल, माहेश्वरी सभा, अग्रवाल सभा, अरोड़वंश सभा सहित अन्य विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने पूज्य प्रवर का जगह-जगह स्वागत किया।
पूज्य प्रवर ने प्रबुद्ध सम्मेलन को भी संबोधित किया
पधारया गुरुवर आंगणिए'
पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमणजी ने दोपहर दो बजे वार्ड 15 में स्थित जैन भवन पार्क में समिति द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने आचार्य तुलसी द्वारा चलाए गए अणुव्रत आंदोलन और जीवन विज्ञान के बारे में बताया। इस दौरान आचार्य ने जिज्ञासुओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनकी शंकाओं का समाधान भी किया। कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मंडल की सदस्याओं ने स्वागत गीत 'पधारया गुरुवर आंगणिए' एवं ज्ञानशाला व कन्या मंडल के बच्चों ने भी पूज्य प्रवर के अभिनंदन में गीतिकाएं प्रस्तुत की। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष डूंगरमल दुग्गड़, जैन सभा अध्यक्ष मूलचंद बांठिया, विधायक दा्रेपती मेघवाल व पालिकाध्यक्षा शकीला गोदारा ने आभार व्यक्त किया। संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री देवेंद्र बांठिया एवं समिति के प्रदीप सुराणा ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में तरुण संघ, एकता मंच, मारवाड़ी युवा मंच, भारत विकास परिषद, अणुव्रत समिति व नगरपालिका प्रशासन ने भी सहयोग दिया। 09/03/2014
जगह-जगह हुआ स्वागत
पूज्य प्रवर के आगमन से
आधात्मिक रंग में रंगी पीलीबंगा
पूज्य प्रवर एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी के 14 वर्ष बाद पीलीबंगा आगमन पर पूरे कस्बे के मुख्यमार्ग पूज्य प्रवर के बैनरों व झंडों से गुजयंमान है! पूरे कस्बे में आचार्य श्री के आगमन पर आध्यामिक मेले का सा माहौल बना हुआ है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर व बीकानेर जिले के श्रावक-श्राविकाओं सहित अन्य राज्यों से भी जैन धर्मावलंबी पहुंचे।
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प्रतिष्ठानों में रखें "नैतिकता" रूपी देवी का चित्र
आचार्य ने कहा प्रत्येक व्यक्ति को अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान में विभिन्न धार्मिक चित्रों के साथ नैतिकता रूपी देवी का एवं घरों में अहिंसा रूपी देवी का चित्र अपने दिमाग व व्यवहार में रखकर ही कर्म करने चाहिए। अच्छे कर्म करने से ही आत्मा की शुद्धि होती है। इस अवसर पर आचार्य श्री के स्वागत में मुनि श्री विजयराजजी, मुनि निर्मल प्रकाशजी, मुनि श्री दिनेश कुमारजी व मुख्य नियोजिका साध्वी श्री विश्रुतविभा ने भी गीतिकाओं के माध्यम से अभिव्यक्तियां दीं। jtn