ShortNews in English
Hissar: 14.05.2014
41st Diksha Day of Acharya Mahashraman Celebrated.
News in Hindi
हिसार
पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमणज़ी एवं साध्वी प्रमुखा श्रीं कनकप्रभाजी व मंत्री मुनि सुमेरमलजी लाडऩू ने अपने हिसार प्रवास के दूसरे दिन मंगलवार को अग्रसेन भवन में समाज के लोगों को संबोधित किया। समारोह के दौरान पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमणज़ी का 41वां दीक्षा दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया।
प्रवचन के दौरान पूज्य प्रवर आचार्य श्री महाश्रमणज़ी ने फ़रमाया कि इस दुनिया में वो मनुष्य सौभाग्शाली होता हैं, जो आध्यात्मिक साधना के लिए घर से निष्क्रमण होते हैं। उसमें से एक मैं भी शामिल हूं। मुझे भी साधना का मौका मिला। मुझे ही नहीं और जितने भी साधु साध्वियां हैं, उन सभी को साधना करने का अवसर मिला है। उन्होंने बताया कि वे आचार्य तुलसी की आज्ञानुसार सरदार शहर में मुनि सुमेरमल के हाथों दीक्षित हुए। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जो व्यक्ति स्वयं अपने आप को जितना जानता है, उतना और कोई दूसरा उसको नहीं जान सकता। जीवन में व्यक्ति के साथ मोह जुड़ जाता है तो योग अशुभ बन जाता है और मोह से अलग रहने पर हमारा योग शुभ बन जाता है। 13/05/2014