Update
Source: © Facebook
आदिनाथ जैन मंदिर मुदलुर(MUDALUR), तमिलनाडु
मुदलुर तिरुवन्नामलाई जिले में वंदवसि शहर से एक छोटे से गांव में 10 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व दिशा में है।यह जिनालय 600 साल पहले और श्री आदिनाथ मूलनायक है| यह मंदिर इस गांव के मूल निवासी जैन द्वारा निर्माण किया गया था। यह एक अधिसूचित तीर्थस्थल और कविताओं में जाना जाता है " अधिनथर, पिल्लई तमिल 'और आदि.के नाम से जाना जाता है|.
अर्धमंडप, महामण्डप और मुगमंडप और दूसरों सभी द्रविड़ शैली के हैं।और चार दिशाओं के साथ एक मानसस्तंभ है।.
रूट: -
टिंडीवनम → वी Pettai → Katteri → Mudhalur = 25 किलोमीटर की दूरी पर।
कांचीपुरम → Vandavasi → टिंडीवनम सलाई → Nedukuppam → Mudhalur = 55 किलोमीटर की दूरी पर।
वेल्लोर → अरणि → Vandavasi → Mudhalur 94 किलोमीटर =।
तिरुवन्नामलाई → जिंजी → V.pettai सड़क → Vandavasi → Mudhalur = 76 किलोमीटर की दूरी पर।
जिंजी → V.pettai सड़क → Katteri → Mudhalur = 38 किलोमीटर
संपर्क नंबर श्री - - + 91-9442055390
Source: © Facebook
Don't treat our pilgrim places as picnic destination -Garbage @ Sammed Shikhar Ji hill:((
Update
Source: © Facebook
श्री आदिसागर अंकलीकर परम्परा के चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य श्री सुनील सागर जी गुरुराज
सम्पूर्ण जैन जगत को गर्व हे की वर्तमान में दिगम्बर जैन धर्म की महान प्रभावना हेतु एक महारत्न आभा बिखेर रहा हे
यह महारत्न 21वी सदी के श्रेष्ठतम महाऋषि युगादी सन्त के रूप में जैन धर्म को गौरवान्वित करेंगे
जो लोग ये मानते हे की इस काल में निर्ग्रन्थ मुनियो का अभाव हे और उत्तम मुनिचर्या का पालन सम्भव नही हे
तो आचार्य सुनील सागर जी के दर्शन से ये सारी मिथ्या दूर हो जाती हे
कठोर तपस्वी
अतिउत्तम चर्या
पवित्र साधना
श्रेष्ठ भाषा समिति
अतिसादगीपन
नित्य नियमित समय की कट्टरता
साधना,त्याग,तपस्या,चर्या और समय के मामले में कोई समझोता नही
वर्तमान में श्रेष्ठतम चर्या जो प्रायः दुर्लभ हे
बुन्देलखण्ड में जन्मे और तपस्वी सम्राट युगऋषि आचार्य श्री सन्मति सागर जी गुरुराज के पावन हाथो से दीक्षित व संस्कारित ऐसे कठोर तपस्वी महा तेजस्वी आचार्य भगवन्त सुनिलसागर जी गुरुराज जिनके गुणानुवाद को सैकड़ो जिव्हा भी कम हे ऐसे महायति को कोटि कोटि नम
शाह मधोक जैन चितरी
Source: © Facebook
Exclusive:)) today pravachan with pic:)) 🌟🌟🌟 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से बीनबारह की तर्ज पर सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर जी में भी हथकरधा प्रशिक्षण केंद्र का शुभारम्भ अक्षय तृतीय पर्व 9 मई को किया जा रहा है
जिसके माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त 55 युवाओं को स्वाश्रित होने के लिए ब्रह्मचारी सजल भैया (NET) उत्कर्ष भैया (MBA) विपिन भैया (MBA) मनीष भैया (B.Tech) अमित भैया (M. Tech) द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा । हथकरधा के पीछे का उद्देश्य बताते हुए आचार्य श्री जी ने कहा की हमारी संस्कृति को भूलते हुए हमने मूल में चूक की है पूर्व मैं भारत अपनी संस्कृति तथा संस्कारों की विशाल धरोहर के साथ-साथ समस्त तकनीकी तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण था अतः पीछे देखने की जरुरत है इसके लिए आचार्य श्री जी ने जापानी छंद की कविता कही 'पीछे भी देखो पिछलग्गु न बनो पीछे रहोगे' । और इसी का अनुशरण करते हुए 10 engineers, 6 MBA, 10 शिक्षक सहित लगभग 55 प्रशिक्षु सामिल होंगे । 🌟🌟🌟🌟
Source: © Facebook
सावधान! इस का कोई प्रायश्चित नहीं!!
🔘जब आप सुबह ब्रश करते वक़्त एक मग से ज्यादा पानी गिराते हैं,
🔘जब सुबह आप टॉइलेट का इस्तेमाल करते वक़्त एक बाल्टी से ज्यादा पानी गिराते हैं,
🔘जब आप प्रतिदिन स्नान करने में एक बाल्टी से ज्यादा पानी गिराते हैं,
🔘जब आप घर में या बाहर कहीं पर भी खुले, अधखुले, टपकते नलों को देख कर भी अनदेखा कर देते हैं,
🔘जब आप घर में या बाहर सौफ्ट ड्रिंक/कोल्ड ड्रिंक का मजा लेते हैं,
🔘जब आप हॉटलों इत्यादि जगहों पर जी भरके शॉवर-बाथ टब में नहाते हैं,
🔘जब आप पाईप लगा कर अपने वाहन/इमारतें धोते हैं,
🔘जब आप सामाजिक कार्यक्रमों में मुफ़्त मिलने वाली पैकेज्ड पानी की बोतलों को एक-एक घूंट चख कर फैंक देते हैं,
🔘जब आप अपने घर में 4 कपडे धोने में वाशिंग मशीन में 40 लिटर पानी बहा देते हैं........
👉तब आप इस धरती के कईं प्राणियों के हिस्से का पानी चुरा रहे होते हैं,उन्हें बून्द-बून्द के लिए तरसाने के पाप में भागीदार बन रहे होते हैं!इस पाप का कोई प्रायश्चित नहीं! इस पाप को करने से बचना ही श्रेयस्कर है।
आईये संकल्प लें,कि-
🌀हम आवश्यकता से अधिक पानी
बिलकुल भी नहीं बहाएंगे,
औरों का हिस्सा मार कर उन्हें
बूँद-बूँद को नहीं तरसाएंगे,
और समूचे देश को
"लातूर" होने से बचाएंगे
#savewater #water #earth
Source: © Facebook
#exclusive #kundalpur ••• प्रभु खोजने से नही मिलते.... उनमे खो जाने से मिलते है......
News in Hindi
Source: © Facebook
ख़ुश रहने के लिए जैन धर्म मिला है धर्म को अपने ऊपर लादो मत जितना करो,मन से करो,ख़ुशी ख़ुशी करो
तो इस गर्मि में
1. ए॰सी का त्याग करें,कूलर का इस्तेमाल कर सकते हैं आप
2. फ़्रीज़ का पानी पीने का त्याग करें,ठण्डे पानी के लिए मटका रखें!
3. आइसक्रीम का त्याग करें!
4. कोल्ड ड्रिंक्स का त्याग करें!
5. बर्फ़ यूज़ करने का त्याग करें!
ए॰सी,फ़्रीज़ के इस्तेमाल से पर्यावरण में गर्मि बड़ती है!और ऐ सी में सोने से,फ़्रीज़ का पानी पीने से बीमारियाँ भी बड़ती हैं शरीर में! इनका त्याग करोगे तो जीव हिंसा भी कम होगी!
जैसे आप दुःख नहीं चाहते हो, वैसे ही इस संसार में कोई भी जीव दुःख नहीं चाहता, इसलिए अपना जैन धर्म अहिंसा को परम धर्म मानता है, अगर आप किसी को दुःख नहीं दोगे, तो आपको भी कोई दुःख नहीं देगा!
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
दोस्तों अपने बलबूते व् परिवार के बलबूते पर एकमात्र जैन समाज की IRS सारिका जैन प्रथम महिला जैन ऑफिसर मुम्बई में Incom Tax Assistance Commissioner इस हौदे पर नियुक्त होने पर हम उनको व् उनके माता पिता व् परिवार को बहुत बहुत बधाई व् उनकी जैन समाज की शान बढ़ाने के लिए प्रशंसा करते है ।
डॉ फूलचंद डी जैन