Update
बस्तर (छत्तीसगढ़) के जंगलों में लगभग 1000 वर्ष प्राचीन भगवान आदिनाथ, शांतिनाथ, पार्श्वनाथ जी की प्रतिमाओं का संरक्षण पुरातत्व विभाग या जैन समाज द्वारा न किये जाने से प्राचीन जैन धरोहर उपेक्षित, नयी प्रतिमाओं की स्थापना के स्थान पर हजारों वर्ष प्राचीन प्रतिमाओं का संरक्षण - संवर्धन किया जाना आवश्यक... विश्व जैन संगठन
खुदाई से प्राप्त भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमाओं को स्थानीय लोग मुड़िया, नागराज और भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा को भैरम बाबा के नाम से पूजते है! कहते है कि भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा के सामने वर्ष में एक बार बलि दी जाती है! रही बात आस्था की तो स्थानीय लोगो ने इन प्राचीन जैन प्रतिमाओं का अतिशय भी जरुर देखा होगा, तभी इनकी पूजा करते आ रहे है! अहिंसा का प्रचार करने वाले जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं का इधर - उधर ऐसे ही उपेक्षित रूप से पड़ा होना औए इनके सामने बलि होना सकल जैन समाज के लिए शर्म की बात है!
राष्ट्रीय स्तर की तीर्थ क्षेत्र कमेटीयां सभी राज्यों में प्राचीन धरोहर को सूचीबद्ध कर इनका संरक्षण क्यों नहीं करती?...यदि समाज नयी प्रतिमाओं की ही स्थापना करना चाहता है तो कम से कम नए बनाये जा रहे बड़े - बड़े तीर्थों / मंदिरों में छोटा सा स्थान इन प्रतिमाओं के लिए भी बना दें तो इनका भी संरक्षण होन संभव होगा!
••••••••• www.jinvaani.org •••••••••
••••••• Jainism' e-Storehouse •••••••
#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa #AcharyaVidyasagar
Video
Source: © Facebook
आचार्य श्री विद्यासागर जी के शिष्य क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी द्वारा भोपाल में राम कथा का विराट आयोजन... जैन क्या हिंदू क्या सब मिलकर भगवान राम, भगवान हनुमान, सती सीता आदि के जीवन चरित्र को सुन रहे हैं:))
-महापोर आलोक शर्मा
••••••••• www.jinvaani.org •••••••••
••••••• Jainism' e-Storehouse •••••••
#Jainism #Jain #Digambara #Nirgrantha #Tirthankara #Adinatha #LordMahavira #MahavirBhagwan #RishabhaDev #Ahinsa #AcharyaVidyasagar