Updated on 16.08.2022 08:57
महासभा एवं सभाओं को परम पूज्य गुरुदेव की पावन प्रेरणामहासभा एवं सभाओं को परम पूज्य गुरुदेव की पावन प्रेरणा
Posted on 15.08.2022 16:56
🌸 भौतिक ही नहीं आध्यात्मिक व नैतिक विकास भी करे भारत : राष्ट्रसंत आचार्य महाश्रमण 🌸-स्वतंत्रता में स्वच्छंद नहीं अनुशासनबद्ध रूप में रहने की दी प्रेरणा
-मन को स्थिर करने की साधना करते हैं साधक : सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमण
-आचार्यश्री ने महासभा को धार्मिक-आध्यात्मिक विकास करने का दिया आशीष
-तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन के अंतिम दिन गुरु सन्निधि में प्रदान किए गए विभिन्न पुरस्कार
15.08.2022, सोमवार, छापर, चूरू (राजस्थान) :
भारत का 76वां स्वतंत्रता दिवस। पूरा देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में चूरू जिले के छापर में वर्ष 2022 का चतुर्मास कर रहे जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, अहिंसा यात्रा के प्रणेता, मानवता के मसीहा शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में सोमवार प्रातः चतुर्मास प्रवास स्थल में चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति-छापर के तत्त्वावधान में तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष श्री मनसुखलाल सेठिया ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर आचार्यश्री ने लोगों को पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। तदुपरान्त मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में आचार्यश्री ने आजादी के 75वर्ष की सम्पन्नता के अवसर पर देशवासियों को पावन प्रेरणा प्रदान की। इस दौरान महासभा के तत्त्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय सम्मेलन के अंतिम दिन भी प्रतिनिधियों को आचार्यश्री से पावन सम्बोध प्रदान हुआ। कार्यक्रम में महासभा द्वारा विभिन्न सेवा पुरस्कारों को भी प्रदान किया गया। इस अवसर पर पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी तो आचार्यश्री से उन्हें पावन आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आचार्य कालू महाश्रमण समवसरण में उपस्थित जनता व देशवासियों को अहिंसा यात्रा प्रणेता, शांतिदूत, राष्ट्रसंत युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने भगवती सूत्राधारित मंगल पाथेय प्रदान करने के उपरान्त कहा कि आज 15 अगस्त है। 15 अगस्त 1947 को देश को स्वतंत्रता की प्राप्ति हुई थी। यहां पर्याय के परिवर्तन की बात सिद्ध होती है कि आज भारत की आजादी का 75वां वर्ष पूर्ण हो गया और इसके साथ अमृत महोत्सव का कार्यक्रम भी जुड़ गया। हालांकि हम लोगों में शायद कितने लोग होंगे जिन्होंने देश को आजाद होते हुए देखा होगा। हमारे गुरुदेव आचार्यश्री तुलसी ने वह वक्त देखा था। उन्होंने लोगों को असली आजादी अपनाओ की प्रेरणा दी। देश के नागरिकों व देश में भौतिक और आर्थिक विकास होना भी आवश्यक है, किन्तु उसके साथ आध्यात्मिकता और नैतिकता का भी विकास होता रहे, तो पूर्णता की बात हो सकती है।
भारत कृषि प्रधान ही नहीं, ऋषि प्रधान देश भी है। भारत का मानों सौभाग्य है कि इस धरती पर कितने-कितने ऋषि-संत भ्रमण करते हैं। प्राचीन ग्रंथों से सुन्दर पाथेय प्राप्त हो सकता है। आजादी के 75 वर्ष की सम्पन्नता की बात है। इसमें पूर्वावलोकन भी किया जा सकता है। भारत निरंतर आध्यात्मिक, नैतिकता और सौहार्द की दिशा में आगे बढ़े। भारत लोकतांत्रिक प्रणाली वाला देश है। स्वतंत्रता तो एक उपलब्धि है। स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं, बल्कि अनुशासनबद्ध रहने का प्रयास होना चाहिए। राग, द्वेष, हिंसा, घृणा से बचाव हो और प्रमाणिकता, अहिंसा, संयम व नैतिकता का विकास हो।
आज तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन का अंतिम दिन है। महासभा खूब आध्यात्मिक-धार्मिक विकास करती रहे। क्षेत्रीय सभाएं भी अपने यहां तेरापंथ भवन में शनिवार की सामायिक आदि के माध्यम से निरंतर धार्मिक-आध्यात्मिक गतिविधियों को संचालित करते रहें।
कार्यक्रम में स्वतंत्रता दिवस के संदर्भ में साध्वीवृंद ने गीत का संगान किया। आचार्यश्री की अष्टवर्षीय अहिंसा यात्रा पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण महासभा के पदाधिकारियों द्वारा पूज्यचरणों में किया गया। आचार्यश्री ने इस संदर्भ में पावन आशीर्वाद प्रदान किया। इस दौरान श्रीमती प्रियंका कोठारी आठ की, श्रीमती कंचन कोठारी 11 की, श्री संदीप चोरड़िया ने 15 की, श्री दीपक मरोठी ने 16 की तथा श्रीमती रितू देवी ने आचार्यश्री से 29 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया।
तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन के अंतिम दिन पुरस्कार प्रदान समारोह में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा द्वारा आचार्य तुलसी समाज सेवा पुरस्कार वर्ष 2020-21 के लिए श्री भंवरलाल बैद व वर्ष 2021-22 डॉ. राजेश कुण्डलिया को प्रदान किया गया। वहीं मूविंग पिक्सल के सीएमडी श्री मनीष बरड़िया को तेरापंथ विशिष्ट प्रतिभा पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के प्रशस्ति पत्र का वाचन क्रमशः महासभा के न्यासी श्री हितेन्द्र मेहता व महासभा की उपाध्यक्ष श्रीमती सुमन नाहटा व महासभा के संगठन मंत्री श्री प्रकाश डाकलिया ने किया। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने पूज्यप्रवर के समक्ष अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति दी तो आचार्यश्री ने उन्हें मंगल आशीष प्रदान किया।
समापन सत्र में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष श्री मनसुखलाल सेठिया ने श्रेष्ठ, उत्तम और विशिष्ट 11 सभाओं के नामों की घोषणा की और उन्हें आचार्यश्री के समक्ष पुरस्कृत भी किया गया। साथ ही सहयोगी सभाओं व महानुभावों को भी सम्मानित किया गया। महासभा के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि विश्रुतकुमारजी ने अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन महासभा के महामंत्री श्री विनोद बैद ने किया।
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