Kolkata 11.05.2025:
52nd Diksha Day of Acharya Mahashraman.
Muni Jinesh Kumar said Acharya Shri Mahashraman is the center of our faith. His life is a model and a source of inspiration for us. His restraint is unyielding, his thinking is unreasonable, his behavior is unreasonable, his personality and parenthood are unreasonable. Their truthful loyalty is unmatched. His life journey is fantastic and amazing. They are possessed of selfless, fearless, fearless consciousness. They promote moral values and characterize
On this occasion, Muni Shri Parmananda said that Acharya Shri Mahashraman is the foundation of Tejaswi's retirement. Muni Kunal Kumar performed a sumptuous song.
Muni Parmanand conducted the program. Minister Ashok Ji Bhutodia made a memorandum of gratitude.
*युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के 52 वें दीक्षा दिवस (युवा दिवस) पर*
*अभ्यर्थना समारोह का भव्य आयोजन*
*आचार्य श्री महाश्रमण अप्रमत चेतना के धनी हैं - मुनिश्री जिनेशकुमारजी*
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेशकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में आचार्यश्री महाश्रमणजी के 52 वें दीक्षा दिवस (युवा दिवस) पर अभ्यर्थना समारोह का भव्य आयोजन श्रीजैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, सॉल्टलेक द्वारा द्वारा विद्युत भवन अडिटोरियम में आयोजित किया गया । सहयोगी संस्था तेयुपः पूर्वांचल तेरापंथ महिला मंडल पूर्वांचल T.P.F. पूर्वांचल थी। इस अवसर पर वृहत्तर कोलकाता की संघीय संस्थाएं एवं श्रद्धालुगण अच्छी संख्या में उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री श्री जिनेश कुमार जी ने कहा आचार्य श्री महाश्रमण हमारी आस्था के केंद्र हैं। उनका जीवन हमारे लिए एक आदर्श व प्रेरणा का स्रोत है। उनका संयम अनुत्तर है, उनकी चिन्तन अनुत्तर है, उनकी चर्या अनुत्तर है,उनका व्यक्तित्व व कतृत्व अनुत्तर है। उनकी सत्य निष्ठा बेजोड़ है। उनकी जीवन यात्रा विलक्षण व अद्भूत है। वे निस्पृह, निराभिमानी निर्भीक चेतना के धनी हैं। वें नैतिक मूल्यों के संवर्धन व चारित्रिक उन्यनन के लिये सतत प्रयत्नशील है। वे जन्म जात प्रतिभा के धनी है। वें सूक्ष्म द्रष्टा चिन्तक एवं कठोर पुरुषार्थी है उनकी प्रज्ञा निर्मल है वें प्रशासनिक सूझ बूझ के धनी है। वे एक विशुद्ध पवित्र आत्मा व स्थिर योगी हैं उनकी संघ भक्ति गुरु भक्ति श्रुत भक्ति अध्यात्म भक्ति विलक्षण हैं । आचार्य प्रवर अचार निष्ठ विचार निष्ठ संस्कार निष्ठ व्यवहार निष्ठ व अनुशासन के सजग प्रहरी है। वें अप्रमत व अलौकिक चेतना के धनी हैं। उनकी ज्ञान रश्मियां से मानव जाति उपकृत हो रही है। आज उनका 52 वां दीक्षा दिवस हर्षोल्लास पूर्वक मना रहे हैं। उनका जन्म दीक्षा व आचार्य पदभिषेक तीनों सरदारशहर की धरा पर हुए। आज उनके 52 वें दीक्षा दिवस पर उनके दीर्घायु चिरायु होने मंगल कामना करता हूं । मुनिश्री जिनेशकुमारजी ने युवा दिवस पर युवाओं को संबोधित करते हुए युवा वह है जो गतिशील है युवा वह है जो तनाव मुक्त रहता है। उत्साह, लगन और साहस का दूसरा नाम है युवा। युवक ज्ञान संपन्न आचार संपन्न व विचार संपन्न बनें । इस अवसर पर मुनि श्री परमानंद जी ने कहा आचार्य श्री महाश्रमण तेजस्वी संन्यास के धरक है। मुनि श्री कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल पूर्वांचल द्वारा महाश्रमण अष्टकम् के संगान से हुआ। स्वागत भाषण श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा साल्टलेक के अध्यक्ष जयसिंह डांगा ने दिया। साल्टलेक सभा के अंतर्गत चलने वाली ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने लघु नाटिका प्रस्तुत की। इस अवसर पर महासभा के कोषाध्यक्ष मदन चंद मरोठी , कोलकाता सभा के अध्यक्ष अजय जी भंसाली, आ.भा.ते.यु.प. के कार्यकारिणी सदस्य राजीव बोथरा, अ.भा.ते.म.म. की संगठन मंत्री रमण पटावरी, पूर्वांचल सभा के अध्यक्ष संजय सिंघी, पूर्वांचल ते.यु.प. अध्यक्ष नवीन सिंघी, ते. महिला मंडल पूर्वांचल की अध्यक्षा प्रेम सुराणा, टी.पी.एफ. पूर्वांचल के अध्यक्ष विनोद दुग्गड, आ.भा.ते.यु.प. के पूर्व अध्यक्ष पन्नालाल जी पुगलिया, ज्ञानार्थी मायरा चिंडालिया, ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर तेरापंथ सभा साल्टलेक, तेरापंथ युवक परिषद पूर्वांचल, उत्तर कोलकाता, तेरापंथ महिला मंडल पूर्वांचल, तेरापंथ महिला मंडल साउथ कोलकाता ने सुमधुर समूह गीतों की प्रस्तुति प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन मुनिश्री परमानंद जी ने किया। आभार ज्ञापन सभा मंत्री अशोक जी भुतोडिया ने किया।