31.05.2012 ►Samdari ►Raga and Dwesh Can be ended by Sadhana► Acharya Mahashraman

Published: 31.05.2012
Updated: 21.07.2015

ShortNews in English

Samdari: 31.05.2012

Acharya Mahashraman said that purpose of Sadhana is to remove Raga and Dwesh. Acharya Tulsi and Acharya Mahaprajna started Preksha Mediation for good Sadhana.

News in Hindi

साधना से राग-द्वेष की मुक्ति संभव: महाश्रमण
समदड़ी में आचार्य ने धर्मसभा में दिए प्रवचन
३१ मई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

इंसान को साधना से ही राग-द्वेष से मुक्ति मिल सकती है। इससे मुक्ति पाना सबसे बड़ी उपलब्धि है। आचार्य तुलसी ने प्रेक्षा ध्यान की पद्धति शुरू कर साधना की अलग जगा दी थी। यह बात बुधवार को आचार्य महाश्रमण ने धर्मसभा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि तीर्थंकर हमारे मन-मंदिर में विराजमान है। मूर्ति पूजा करने वाले व मूर्ति पूजा नहीं करने वाले दोनों के मन में तीर्थंकर विराजमान रहते है। उन्होंने कहा कि राग-द्वेष से दूर धर्म-तीर्थ की साधना करने वाले ज्ञानी पुरुष दुष्ट को भी संयम व साधना के मार्ग पर ले आते हैं। कार्यक्रम में बालोतरा नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान ने कहा कि खुद पर शासन फिर अनुशासन का पालन करें। प्रेक्षाध्यान प्रभारी धर्मानंद ने कहा कि प्रेक्षाध्यान कार्यक्रम सबसे उत्तम है। इससे हर बीमारी का इलाज संभव है। इस मौके पर विधायक कानसिंह कोटड़ी, सरपंच बाबूलाल परिहार, खेमराज व्यास, मांगीलाल जीरावला, श्यामसुंदर दवे व अम्बाशंकर सोनी सहित कई लोग मौजूद थे।

शोभायात्रा में उमड़े श्रद्धालु
३१ मई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

मुमुक्षु हेमलता की दीक्षा से एक दिन पहले शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में जैन अनुयायियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

शोभायात्रा मुमुक्षु के घर गोर का चौक नईवास, बावड़ी चौक, सुनारों का वास होते व्याख्यान पांडाल पहुंची।

शोभायात्रा में कई झांकियां भी सजाई गई। महावीर स्वामी की जय, जैन धर्म की जय के नारों से वातावरण भक्तिमय हो गया था।
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समदड़ी. धर्मसभा में उपस्थित श्राविकाएं। (इनसेट में) धर्मसभा को संबोधित करते आचार्य महाश्रमण।

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

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