Updated on 29.04.2025 11:46
आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल प्रवचन की छाया चित्र झलकियाँ : २९-०४-२०२५Photos of Jain Terapanth News post
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*पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी का आज का मंगल प्रवचन का डिसा (गुजरात) से लाईव देखनें सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे और सब्सक्राइब करें*
https://www.youtube.com/live/vrYWU4ibYqk?feature=shared
🙏प्रस्तुति🙏
*अमृतवाणी*
🙏🏻 संप्रसारक🙏🏻
*जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा*
*अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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29 April 2025 Acharya Mahashraman - Deesa (Gujrat )
🌞 *नवप्रभात के प्रथम दर्शन* 🌞
29 अप्रैल, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
29 अप्रैल, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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*29 अप्रैल*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1980 (वि. सं. 2037) आचार्यश्री तुलसी ने साध्वियों को साधुओं की सिलाई, रंगाई आदि कार्यों से मुक्त कर दिया।
*साधुओं की सिलाई -रंगाई*
चालू परम्परा के अनुसार साधुओं की सिलाई एवं रंगाई प्रायः साध्वियां ही करती थीं । आचार्यश्री ने संघीय परम्पराओं में परिष्कार 1 की अपेक्षा को कभी अनदेखा नहीं किया । युगीन अपेक्षा को ध्यान में रखते हुए सन् 1980 (वि. सं. 2037 ) अनुशासन वर्ष के उपलक्ष्य में सरदारशहर में आचार्यश्री ने यह घोषणा की कि 'साधुओं की सिलाई, रंगाई आदि कार्यों में साध्वियां अब तक अपनी सेवाएं देती रही हैं। जयाचार्य निर्वाण शताब्दी के उपलक्ष्य में आज उन्हें इस अनिवार्य सेवा से मुक्त कर रहा हूँ।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1980 (वि. सं. 2037) आचार्यश्री तुलसी ने साध्वियों को साधुओं की सिलाई, रंगाई आदि कार्यों से मुक्त कर दिया।
*साधुओं की सिलाई -रंगाई*
चालू परम्परा के अनुसार साधुओं की सिलाई एवं रंगाई प्रायः साध्वियां ही करती थीं । आचार्यश्री ने संघीय परम्पराओं में परिष्कार 1 की अपेक्षा को कभी अनदेखा नहीं किया । युगीन अपेक्षा को ध्यान में रखते हुए सन् 1980 (वि. सं. 2037 ) अनुशासन वर्ष के उपलक्ष्य में सरदारशहर में आचार्यश्री ने यह घोषणा की कि 'साधुओं की सिलाई, रंगाई आदि कार्यों में साध्वियां अब तक अपनी सेवाएं देती रही हैं। जयाचार्य निर्वाण शताब्दी के उपलक्ष्य में आज उन्हें इस अनिवार्य सेवा से मुक्त कर रहा हूँ।
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*_29 अप्रैल_*
तुम सम्मान पाने का
प्रयास मत करो। सम्मान योग्य कार्य आज से ही प्रारंभ करो।
- आचार्य महाश्रमण
*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📱+91 87420 04849, +91 87420 04949, +91 77340 04949
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📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
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