Posted on 28.04.2025 06:51
*_28 अप्रैल_*जिससे तुम सहयोग लेना चाहते हो, उसके लिए तुम क्या करोगे?
पहले यह निर्णय व संकल्प करो, फिर उससे सहयोग लो।
- आचार्य महाश्रमण
*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
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📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
Source: © Facebook
*28 अप्रैल*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1974 हिसार चातुर्मास में सार्वजनिक औषधालय की दवा लेना स्वीकृत हुआ।
सार्वजनिक औषधालय की दवा
पहले एक परम्परा थी कि प्रायः सार्वजनिक यानी धर्मार्थ औषध वितरण करने वाले औषधालयों से औषध नहीं ली जाती थी। उस जमाने में दवाइयों की अपेक्षा भी कम होती थी और सामान्य आयुर्वेदिक दवाइयां घरों में ही उपलब्ध हो जाती थीं। मेडिकल स्टोर आदि का प्रचलन बढ़ा। घरों में दवाइयां रखने की पद्धति कम हो गई। बीमारियां भी बढ़ने लगीं। इस स्थिति में निर्णय किया गया कि औषध सहज न मिलने की स्थिति में सार्वजनिक औषध वितरण करने वाली संस्थाओं से औषध ली जा सकती है। आपवादिक स्थिति में क्रीत औषध लेनी पड़े तो उसका प्रायश्चित्त किया जाए। यह निर्णय सन् 1974 (वि. सं. 2030) हिसार चातुर्मास में हुआ।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1974 हिसार चातुर्मास में सार्वजनिक औषधालय की दवा लेना स्वीकृत हुआ।
सार्वजनिक औषधालय की दवा
पहले एक परम्परा थी कि प्रायः सार्वजनिक यानी धर्मार्थ औषध वितरण करने वाले औषधालयों से औषध नहीं ली जाती थी। उस जमाने में दवाइयों की अपेक्षा भी कम होती थी और सामान्य आयुर्वेदिक दवाइयां घरों में ही उपलब्ध हो जाती थीं। मेडिकल स्टोर आदि का प्रचलन बढ़ा। घरों में दवाइयां रखने की पद्धति कम हो गई। बीमारियां भी बढ़ने लगीं। इस स्थिति में निर्णय किया गया कि औषध सहज न मिलने की स्थिति में सार्वजनिक औषध वितरण करने वाली संस्थाओं से औषध ली जा सकती है। आपवादिक स्थिति में क्रीत औषध लेनी पड़े तो उसका प्रायश्चित्त किया जाए। यह निर्णय सन् 1974 (वि. सं. 2030) हिसार चातुर्मास में हुआ।
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*समण संस्कृति संकाय*
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🌞 *नवप्रभात के प्रथम दर्शन* 🌞
28 अप्रैल, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
28 अप्रैल, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
Source: © Facebook