Posted on 28.04.2025 15:00
जैन भागवती दीक्षा पर भावभरा आमंत्रण : दिनांक 2 मई 2025#JainAcharya #AcharyaShivMuni #jainism #JainPrinciples #selfmeditation #bhagwanmahavir #varshitap #parna #mahautsav #jain #bhagwati #diksha #udhana #surat #atamdhyan #foundation
मुमुक्षुओं के मंगल तिलक के साथ दीक्षा महोत्सव का शंखनाद
संयम जीवन दान से सर्वश्रेष्ठ है: आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनि जी म.सा.
28 अप्रैल 2025, उधना, सूरत
‘‘आज मुमुक्षु आत्माएं संसार सागर को तिलांजली देकर, महावीर के पथ पर, त्याग के पथ पर, संयम पथ पर अग्रसर होने जा रही है। आज से आप अपने भीतर भावना रखो, साधु नहीं भी बने किंतु संयम का भाव रखंे, जिस तरह से बीज अपने आपको गलाकर धीरे-धीरे विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लेता है। भगवान महावीर स्वामी ने जिनशासन में संयम की महत्ता को प्रकट करते हुए फरमाया है कि कोई व्यक्ति लाखों गायों का प्रति माह दान करे तो भी संयम जीवन दान से सर्वश्रेष्ठ है। संयम जीवन का सार है, बिना संयम के कोई महान नहीं बन सकता। संयमी एक श्वासोश्वास में हजारों वर्षों के संचित कर्मों को क्षण में नष्ट करता है।’’ उपरोक्त विचार आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. ने मुमुक्षुओं के मंगल तिलक उत्सव पर उपस्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्हांेने आगे फरमाया कि भगवान महावीर की साधना एकांत, मौन आकाश की भांति स्वच्छ निर्मल साधना थी। एक यौद्धा दस लाख यौद्धाओं को जीत लेता है उससे श्रेष्ठ है आत्मा को जीतना। उच्च कोटि की साधना जीव को जानना है, अपने आपको पहचानना है।
इससे पूर्व युवाचार्य श्री महेन्द्रऋषिजी म.सा. ने केसी गौतम के मिलन के प्रसंग की चर्चा करते हुए फरमाया कि सारी दिव्य चेतना ऐसे भव्य प्रसंग पर अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम में और अधिक सकारात्मकता प्रदान करती है, जिस समय केसी गौतम का मिलन हुआ सरावस्ती नगरी में उस समय तीन्दुक उद्यान में वार्तालाप हुआ तो आगम की मूल गाथा आती है कि ऐसे समय में उनके मिलाप को उनकी उस तत्व चर्चा को पवित्र वातावरण को उपस्थित देने के लिए अदृश्य शक्तियां मौजूद थी।
इसी प्रकार दीक्षा का महत्त्वपूर्ण प्रसंग है, इस प्रसंग में सभी को ऐसी सकारात्मक ऊर्जा मिले अनुमोदना करते-करते भावों में विशुद्धि आए कि जीवन पर्यंत सामायिक लेने के लिए तैयार हो जाएं।
इस अवसर पर श्रमण संघीय सहमंत्री श्री शुभम मुनि जी म.सा., साध्वी श्री प्रांजल जी म.सा., साध्वी श्री संयमप्रभाजी म.सा., साध्वी श्री सुमनप्रभाजी म.सा. ने अपने विचार भजन एवं प्रवचन के माध्यम से सभा के मध्य व्यक्त किये।
ज्ञातव्य है कि मुमुक्षु समक्ष, मुमुक्षु शिवांश, मुमुक्ष मानस, मुमुक्षु पूजा (प्रज्ञा) की 2 मई 2025 को जैन भागवती दीक्षा प्रदान की जाएगी। दीक्षा महोत्सव के मांगलिक कार्यक्रम आज तिलकोत्सव के साथ प्रारंभ हो गया है।
कार्यक्रम का संचालन श्रमण संघीय प्रमुख मंत्री श्री शिरीष मुनिजी म.सा. ने किया।
#jainquotes #JainAcharya #shivmuni #AcharyaShivMuni #jainism #JainPrinciples #selfmeditation #bhagwanmahavir #varshitap #parna #mahautsav #jain #bhagwati #diksha #udhana #surat #atamdhyan
#foundation #2025
संयम जीवन दान से सर्वश्रेष्ठ है: आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनि जी म.सा.
28 अप्रैल 2025, उधना, सूरत
‘‘आज मुमुक्षु आत्माएं संसार सागर को तिलांजली देकर, महावीर के पथ पर, त्याग के पथ पर, संयम पथ पर अग्रसर होने जा रही है। आज से आप अपने भीतर भावना रखो, साधु नहीं भी बने किंतु संयम का भाव रखंे, जिस तरह से बीज अपने आपको गलाकर धीरे-धीरे विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लेता है। भगवान महावीर स्वामी ने जिनशासन में संयम की महत्ता को प्रकट करते हुए फरमाया है कि कोई व्यक्ति लाखों गायों का प्रति माह दान करे तो भी संयम जीवन दान से सर्वश्रेष्ठ है। संयम जीवन का सार है, बिना संयम के कोई महान नहीं बन सकता। संयमी एक श्वासोश्वास में हजारों वर्षों के संचित कर्मों को क्षण में नष्ट करता है।’’ उपरोक्त विचार आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. ने मुमुक्षुओं के मंगल तिलक उत्सव पर उपस्थित धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्हांेने आगे फरमाया कि भगवान महावीर की साधना एकांत, मौन आकाश की भांति स्वच्छ निर्मल साधना थी। एक यौद्धा दस लाख यौद्धाओं को जीत लेता है उससे श्रेष्ठ है आत्मा को जीतना। उच्च कोटि की साधना जीव को जानना है, अपने आपको पहचानना है।
इससे पूर्व युवाचार्य श्री महेन्द्रऋषिजी म.सा. ने केसी गौतम के मिलन के प्रसंग की चर्चा करते हुए फरमाया कि सारी दिव्य चेतना ऐसे भव्य प्रसंग पर अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम में और अधिक सकारात्मकता प्रदान करती है, जिस समय केसी गौतम का मिलन हुआ सरावस्ती नगरी में उस समय तीन्दुक उद्यान में वार्तालाप हुआ तो आगम की मूल गाथा आती है कि ऐसे समय में उनके मिलाप को उनकी उस तत्व चर्चा को पवित्र वातावरण को उपस्थित देने के लिए अदृश्य शक्तियां मौजूद थी।
इसी प्रकार दीक्षा का महत्त्वपूर्ण प्रसंग है, इस प्रसंग में सभी को ऐसी सकारात्मक ऊर्जा मिले अनुमोदना करते-करते भावों में विशुद्धि आए कि जीवन पर्यंत सामायिक लेने के लिए तैयार हो जाएं।
इस अवसर पर श्रमण संघीय सहमंत्री श्री शुभम मुनि जी म.सा., साध्वी श्री प्रांजल जी म.सा., साध्वी श्री संयमप्रभाजी म.सा., साध्वी श्री सुमनप्रभाजी म.सा. ने अपने विचार भजन एवं प्रवचन के माध्यम से सभा के मध्य व्यक्त किये।
ज्ञातव्य है कि मुमुक्षु समक्ष, मुमुक्षु शिवांश, मुमुक्ष मानस, मुमुक्षु पूजा (प्रज्ञा) की 2 मई 2025 को जैन भागवती दीक्षा प्रदान की जाएगी। दीक्षा महोत्सव के मांगलिक कार्यक्रम आज तिलकोत्सव के साथ प्रारंभ हो गया है।
कार्यक्रम का संचालन श्रमण संघीय प्रमुख मंत्री श्री शिरीष मुनिजी म.सा. ने किया।
#jainquotes #JainAcharya #shivmuni #AcharyaShivMuni #jainism #JainPrinciples #selfmeditation #bhagwanmahavir #varshitap #parna #mahautsav #jain #bhagwati #diksha #udhana #surat #atamdhyan
#foundation #2025
Source: © Facebook