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🚩🚩🚩आचार्य देशना🚩🚩🚩
🇮🇳"राष्ट्रहितचिंतक"जैन आचार्य 🇮🇳
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
तिथि: माघ शुक्ल चतुर्थी, २५४२
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शब्दों के बाण
समता से सहना
भी साधना है
भावार्थ: इस हाईको के माध्यम से आचार्य श्री कहते हैं कि साधना मात्र व्रत उपवास, रस त्याग आदि शारीरिक नहीं अपितु शब्दो के बाणों को समता से सहना भी बहुत बड़ी साधना है । हम व्रत नियम आदि तो कथंचित कर भी लेते हैं किन्तु यदि कोई कष्टदायी, मर्म भेदी, क्रोधपूर्ण, अपमानजनित शब्द कह दे तो हम आपे में नहीं रहते । उस समय अपने आपे में रहना एक बहुत बड़ी साधना है
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"राष्ट्र हित चिंतक"आचार्य श्री के सूत्र
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