News in Hindi
Source: © Facebook
तीर्थंकर सम रुप सलोना
समवशरण सम वैभव है
इसी लिए तो इस वसुथा
तुम पर इतना गौरव है
वचन आपके हर लेते है
जग के क्रंदन संत विद्यासागर तुम को बांरबार नमन
Source: © Facebook
Acharya Vardhman sagar ji Sasangh:))
Source: © Facebook
आज से ३६ वर्ष पूर्व वैशाख कृष्ण अमावस्या दि. १५ एप्रिल १९८० को "आज के ही दिन" परम पूज्य आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी महाराज के कर कमलों से आज के ही दिन म.प्र. प्रान्त के बुन्देलखंड की धरा- सागर नगर में मुनिश्री नियमसागरजी महाराज जी एवं मुनिश्री योगसागर जी महाराज जी की मुनि दीक्षा संपन्न हुयी थी।
मुनि द्वय के३६ वे दीक्षा दिवस पर हम सभी मुनि द्वय के चरणों में बारंबार नमोस्तु करते हैं🙏🏻🙏🏻🙏🏻।
नोट- मुनिश्री नियम सागर जी महाराज पुणे नगर (चिंचवड) में विराजमान हैं ।
मुनि श्री योग सागर जी महाराज कुंडलपुर में विराजमान हैं ।
Source: © Facebook
🙏🏻🙏🏻अतिशय क्षेत्र विजयगोपाल में एक और अतिशय....तपस्वी सम्राट आचार्यश्री १०८ सन्मतिसागर महाराजजी के परमप्रभावि शिष्य बालयोगी ज्योतिपुंज मुनीश्री १०८ सुवीरसागरजी महाराज को एक दृष्टान्ट हुआ जिसमें उन्हें वात्सल्य रत्नाकर आचार्यश्री १०८ विमलसागरजी महाराज ने बताया की विजयगोपाल में जमीन के नीचे मूर्ती छिपी है उसे बहार निकलना है....मुनीश्री सुवीरसागरजी तुरंत बैतूल मध्य प्रदेश से वापस विजयगोपाल पहुंचे और मंदिर के पास खुदाई शुरू कर दी।।।
और जैसे ही कल जमीन की खुदाई चालू की आज ६ मई २०१६ को सवेरे ठीक ६.४५ के वक़्त जमीन से एक प्राचीन पार्श्वनाथ भगवन की एक प्राचीन मनोहारी मूर्ती जमीन से निकल आयी,
हिंदुस्तान के कण कण में जैनियों की उपस्थिति का प्राचीन समयसे यह प्रमाण है....धन्य है ऐसे मुनि और धन्य है वह जैन धर्म
ऐसे चमत्कारी भगवान पार्श्वनाथ और मुनीश्री सुवीरसागरजी महाराज के चरणों में शत् शत् नमन🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
संदीप जैन
९४२०२६२१०८