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गुरुपूर्णिमा के लिए इतना ही लिखूंगा।
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(गुरु + पूर्ण + माँ)
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अर्थात सर्वप्रथम माँ ही पूर्ण गुरु है ततपश्चात गुरु ही पूर्ण माँ है ।
🙏 इससे अधिक क्या लिखूं!!
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गौतम नाम प्रभात जपो नित,
रिद्धि ने सिद्धि मिले बहुतेरी |
ख्याल कुशाल रहे नित वासर,
आस फले दिल की सघलेरी |
भोजन मिष्ठ मिले भली भाँति सूँ,
आधि रु व्याधि टले अलघेरी |
लब्धि निधान प्रधान दिए मन-
वांछित घमण्ड फतेरी फतेरी |
अंगूठे अमृत बसे, लब्धि तणा भण्डार |
जे गुरु गौतम समरिये, मनवांछित फल दातार ||
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मप्र के सरकारी स्कूलों में अंडा नहीं परोसा जाएगा।
भोपाल।सरकारी स्कूलों की कैंटीन में पौष्टिक भोजन के रूप में अंडा परोसे जाने की केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की सिफारिश पर रजामंदी देने वाली मप्र सरकार अब पलट गई है। करीब 13 साल बाद भोपाल आए जैनाचार्य विद्यासागर महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने यह कहते हुए अपने ही पुराने आदेश पर सवाल खड़े कर दिए कि, उनके मुख्यमंत्री रहते मप्र के सरकारी स्कूलों में अंडा नहीं परोसा जाएगा। हबीबगंज स्थित जैन मंदिर में मुख्यमंत्री ने ऐसी खबरों के लिए मीडिया को ही जिम्मेदार बताया। पढ़ें क्या था मामला...
यह था मामला...
19 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव विवेक अग्रवाल ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के पत्र (15 दिसंबर, 2015) को आगे की कार्यवाही के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को लिखा था। इस पर 22 जून, 2016 को अवर सचिव स्कूल शिक्षा विभाग कलावती उईके ने प्रदेशभर के कलेक्टरों और जिला शिक्षाधिकारियों को श्रीमती गांधी की सिफारिश पर अमल करने के आदेश दिए थे। यह मामला सामने आने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया था। हालांकि सोमवार को मुख्यमंत्री ने विद्यासागर जी महाराज के सामने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार कर दिया।
यह थी सिफारिश...
मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री चौहान को एक ऑ'फिशियल पत्र लिखकर बच्चों में मोटापे की समस्या की ओर ध्यान दिलाया था। उन्होंने लिखा कि देशभर के स्कूलों में अधिक वसा, नमक और शक्करयुक्त भोजन का इस्तेमाल करने से बच्चों की हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखकर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया था।
समिति ने स्कूलों में जंक फूड जैसे पोटेटो चिप्स, कार्बोनेटड कोल्ड ड्रिंक्स, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, टिकिया के अलावा चॉकलेट, चुईंगम, जलेबी, इमरती, गुलाब जामुन आदि पर पाबंदी की सिफारिश की थी।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट में भी इस समस्या का जिक्र किया गया था। समिति ने अंडा परोसने की वकालत की है, ताकि बच्चों की हेल्थ न बिगड़े।
यह परोसे जाने की लिस्ट दी गई थी...
अण्डा, रोटी,,पराठा,मौसमी सब्जियां, चावल, दाल, पुलाव, काले चना वाला हलवा, मीठी-नमकीन दलिया, सफेद चना, राजमा, कड़ी, आटे का उपमा, खिचड़ी, टमाटर, इडली-बड़ा सांभर, खीर, दूध, दही, लस्सी, नारियल पानी, शिकंजी तथा जलजीरा।
इन पर कहा था रोक लगे
चिप्स, फ्राईड फूड्स, शर्बत, बर्फ का गोला, कार्बोनाईज्ड कोल्ड ड्रिंक्स, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, पेड़ा, कलांकद, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, टिक्का, चुईंगम, कैंडीज, जलेबी, इमरती, बुंदी, प्लेन एण्ड डार्क चाकलेट्स, कन्फेक्शनरी, केक्स एण्ड बिस्कुट्स, बन एण्ड पेस्ट्रीज, जेम एण्ड जेली।