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UPDATE LATEST @ #Bhopal गाय का शुद्ध मर्यादित घी.. आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा एवं आशीर्वाद से संचालित #SaveCow #CowGhee:)
आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा व आशीर्वाद से बीना बारा (सागर) मे शुद्ध घी बनाने की मशीने लगाई गई है जिसमे मर्यादा का भी विशेष ध्यान रखा गया है। ४८ मिनट से पहले पहले उसका घी निकाल लिया जाता है ताकि अपने जीवन में शुद्धता व स्वास्थ्य दोनों का लाभ मिले, आचार्य श्री जी का केवल गौ रक्षा का ही उद्देश्य है, गायो को सरंक्षण मिले क्योकि आजकल गायो की तस्करी करके उनको कत्लखाने मे भिजवाया जाता है इसलिए गायो को सरंक्षण मिलेगा, वर्तमान मे फैलती कैंसर व अन्य घातक बीमारिया जो सभी का जीवन तहस नहस कर रही उससे बचने का उपाय है कि शुद्ध गाय का घी व दूध उपयोग करें, गाय के घी के फायदे तो सभी को मालूम ही है बहुत सी बीमारियो से बचाव करता है इसलिऐ यदि आप गाय का शुद्ध घी लेना चाहते हो तो बीना बारह से आप ले सकते है, बिल्कुल शुद्ध के साथ साथ मर्यादित भी, साथ साथ आपको दान का भी लाभ मिलेगा क्योकि आपका पैसा वहा गायो के सरंक्षण मे भी लगेगा, देसी गाय के घी के लिऐ आपको ₹900 प्रति किलो खर्च करना पडेगा
शांतिधारा दुग्ध योजना
संपर्क सूत्र
मधुर 📲
09977994343
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🏵राष्ट्रीय यंग जैना अवार्ड🏵
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8⃣एवं 9⃣अक्टूबर को इंदौर में
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शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योग्यता प्राप्त करने वाले जैन छात्र-छात्राओं के 🏅सम्मान के लिए पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं पूज्य
🙏🏻मुनिश्री क्षमा सागर 🙏🏻महाराज की प्रेरणा से राष्ट्रीय स्तर का
🎖यंग जैना अवार्ड 🎖
इस बार 8 एवं 9 अक्टूबर को इंदौर स्थित प्रसिद्ध जैन ⛳तीर्थक्षेत्र "गोम्मटगिरि" जी में आयोजित किया जाएगा।
इस गरिमापूर्ण सम्मान समारोह की शुरुआत मुनिश्री क्षमासागर जी की प्रेरणा से सन् 2001 में शिवपुरी से हुई थी।
इस वर्ष मैत्री समूह एवं जैन समाज इंदौर 🏘के तत्वावधान में आयोजित होने वाले वर्तमान के सर्वाधिक प्रतिष्ठित
🎗अखिल भारतीय प्रतिभा सम्मान🎗 हेतु देशभर से 1917 प्रतिभाओं की प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं।
मैत्रीसमूह एवं यंग जैना अवार्ड से देश के अनेक शहरों के भी सक्रिय सदस्य जुड़े हैं एवं आयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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छतरपुर से भी श्री देवराज जैन व श्री प्रदीप चौधरी आयोजन की मूलभूत व्यवस्थाएं सँभालते आ रहे हैं ।
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तो डा0 सुमति प्रकाश जैन एवं श्री राजेश बड़कुल 2001 से राष्ट्रीय यंग जैना अवार्ड समारोह का संचालन करने का गौरव प्राप्त करते आरहे हैं।
मैत्री समूह की डॉ. निशा जैन भोपाल एवं डॉ. सुमति प्रकाश जैन छतरपुर के अनुसार 8 अक्टूबर को देश के विभिन्न भागों से आईं चयनित प्रतिभाओं का पंजीयन पूर्वान्ह साढ़े 11 बजे तक किया जाएगा।
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इसके बाद विभिन्न सत्रों में प्रतिभाओं के लिए कॅरियर काउंसलिंग तथा व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित विषय विशेषज्ञों के सारगर्भित व्याख्यान आयोजित होंगे।
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दूसरे दिन 9 अक्टूबर को विविध आयोजनों के बाद दोपहर 2 से सायं 5 बजे तक प्रतिभाओं के सम्मान का मुख्य समारोह सम्पन्न होगा।
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तीसरे दिन 10 अक्टूबर को सभी सम्मानित प्रतिभाओं को भोपाल आचार्य भगवन के दर्शन हेतु प्रस्थान।।
🌈🌈विशेष आकर्षण🌈🌈
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हथकरघा से निर्मित वस्त्रो की अनूठी प्रदर्शनी 🎡🎡🎡🎡🎡🎡
जिसमे आप हाथो से निर्मित अहिंसक प्रक्रिया से सहित तरह तरह के उपयोगी आकर्षक वस्त्रो को खरीद सकते है।।।🎡🎡🎡🎡
विद्यागुरु गांधी का सपना ।
स्वाबलंबी हो भारत अपना।।
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अहिंसा जिसकी शान है।
भारत वो देश महान है।।
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आचार्य श्री ने कहा कि जब दृष्टि में दोष आता है तो एक साथ दोनों आँखों की जांच नहीं होती, एक एक करके जाँच करके नम्बर निकाला जाता है। दर्पण के माध्यम से अक्षर और नम्बर पढ़ने को कहा जाता है फिर उसके आघार पर दृष्टि दोष का आंकलन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जब हम चलते हैं तो दृष्टि पैरों की तरफ नहीं रहती जमीन की तरफ होती है क्योंकि नियंत्रण तो दृष्टि से ही किया जाता पेर भले ही चलायमान रहते हैं। पैरों का संतुलन थोडा सा बिगड़ भी जाय दृष्टि का ध्यान पैरों को नियंत्रित कर देता है ये ध्यान बाहरी नहीं बल्कि अंतरंग का ध्यान होता है। पैरों की कोई राह नहीं होती बल्कि उन्हैं तो राह पर अपने ज्ञान के माध्यम से लाया जाता है। अपने ध्यान को अपने नियंत्रण में रखना जरूरी होता है। ध्यान से ही अपना ज्ञान भी नियंत्रित होता है। भीतरी अनुभव से ध्यान को नियंत्रित किया जा सकता है। शब्दों के अर्थों को किस अनुपात से प्रयोग करना है ये महत्वपूर्ण होता है। ध्यान से ही संयम को भी नियंत्रित किया जाता है। संयत ध्यान से ही ज्ञान की उत्पत्ति होती है। ध्यान घोड़े की लगाम की तरह होता है घोडा भले ही सरपट दौड़ता रहे यदि लगाम कसी रही तो बो नियंत्रण से बाहर नहीं जा सकता। ध्यान से संयम की साधना होती है। कर्तव्य को ध्यानपूर्वक करने पर ही साधना को संयत किया जा सकता है।
*इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और गुना के सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि पूज्य आचार्य श्री जो धर्म प्रभाबना कर रहे हैं वो समूचे राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य कर रही है। जैन समाज द्वारा जो क्षमा पर्व मनाया जाता है बो मानवीय पहलु के सशक्तिकरण का जीवंत उदहारण है। उन्होंने कहा की आचार्य श्री मेरी भावना है की आपके पावन चरण मेरे घर यानि अशोकनगर, गुना और शिवपुरी में पड़ें क्योंकि उधर के श्रावक् लंबे समय से आपकी प्रतीक्षा में बैचेन हैं:(
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Horrible & Painful Truths about Indian dairy industry. #Vegan #Ahinsa #SaveCow #LoveAnimal #NonViolence
Piyo glass of full Dhoodh dhoodh dhoodh. A few day old calf being sent to slaughter just because you stole his part of milk. milk is stollen by Hindus, Muslims, uJains and every one else, calves sent to slaughter, suffocated in cruel transportation or starved to death, kept under direct sunlight, her mother will be pumped with oxytocin twice a day which causes muscular pain so that she releases milk in absence of her calf, as a result she will stop giving milk in coming months and will follow her calves to slaughter house or will either be smuggled to Bangladesh or will be exported as beef to western and middle East countries, this is how our holy cow is feeding entire world, calf meat is also supplied to hotels and restaurants as Mutton, I even noticed that calves who die because of suffocation in transportation are also taken away by meat suppliers, thank god I am Vegan and not part of it anymore.
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News in Hindi
❖ आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज ने कहा कि जिसकी जितनी कुब्बत होती है उससे उतना ही काम लेना चाहिए क्योंकि ज्यादा भार किसी के कन्धों पर डालना अच्छी बात नहीं है ।
भगवान् से यही प्रार्थना करना चाहिए कि हे भगवन हमने तो अपने जीवन डोर आपके हाथों में सौंप दी है अब आप अपनी ओर खींचो। जो श्रावक् अणुुब्रतों की ओर अनवरत खींचता चला जाता है वही अणुव्रती कहलाता है। जैंसे थोक व्यापारी के पास जाकर फुटकर व्यापारी अपना काम चला लेता है,उसे उधार माल भी प्राप्त हो जाता है उसी प्रकार महावीर भगवान का जो तीर्थ काल चल रहा है वो ज्ञान के थोक भण्डार हैं परंतु आप उन तक नहीं पहुँच पा रहे हैं तो एक दुसरे से मेल मिलाप करके अपना काम चला लें। तीर्थंकरों के आभाव में धर्मतीर्थ के रथ को आप सब मिलकर खींच रहे हैं तो ऐंसे ही एक दूसरे को सहयोग करते हुए इस रथ को दूर तक खींच कर ले जाना है। इसी में आप सबका कल्याण निहित है।
उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को,युवा पीढ़ी को भी ये बताना है कि ये धर्म का अक्षुण्ण रथ है इसे चलाते रहेंगे तो अहिंसा सदियों तक सलामत रहेगी। सभी के अच्छे भविष्य का लेखाजोखा इसी रथ पर आधारित है,बहुत जिम्मेदारी का कार्य है सबको मिलकर करना होगा। बिघ्न बाधाओं से घबराने की आवश्यकता नहीं है बस सब मिलकर साथ चलेंगे तो ये रथ सतत् चलता रहेगा।*
उन्होंने कहा की योग्यता के आधार पर प्रोत्साहन करते रहना चाहिए, विचारपुर्वक और समन्वय के साथ जो काम कर रहे हैं उन्हें प्रोत्साहित करें। कर्तव्य में कोई शर्त नहीं होना चाहिये। अपनी अपनी कुब्बत के आधार पर कर्तव्यों का निर्बाहन् होना चाहिए। जो अपने कर्तव्यों का निर्वाहन अपनी योग्यता के आधार पर कर रहे हैं,अपनी कुब्बत के अनुसार कर रहे हैं उनकी अनुमोदना करना सभी का कर्तव्य है।
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Entrepreneurship Summit @ YJA'16
1.The Summit is open only to pre-invited Jain students studying in Indore.
2. Merely filling up this Registration Form does not assure admission;
3. Please fill up the complete form and submit. Incomplete forms will not be entertained;
4. Based on availability of seats, confirmation of your registration would be sent on your Email Address.
5. Entry for the event will only be based on the confirmation E-mail / SMS received on your registered E-mail / Mobile Number.
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdtWXWN2httflYfayaqy-ZZRrOzKffFchjvF5fNVEoeqGeGWg/formResponse
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