News In English
Location: | Dhoinda (Rajsamand) |
News: | Brahmcharya Is Hardest Tap ◄ Acharya Mahashraman. |
Photo 1: | Acharya Mahashraman making pravachan at Dhoinda |
Photo 2: | Ladies devotees |
Photo 3: | Acharya Mahashraman entering in Dhoinda village and holding hands of Muni Dineshkumar. Layperson are bowing with respect. |
News in Hindi:
ब्रह्मïचर्य सबसे कठोर व्रत: आचार्य महाश्रमण
धोइंदा में धर्म सभा में कहा -ब्रह्मïचर्य सबसे कठोर व्रत: आचार्य महाश्रमण
धर्मसभा में प्रवचन देते आचार्य महाश्रमण1
राजसमंद 15 मई 2011 (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो राजस्थान कार्यालय)
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि ब्रह्मïचर्य सबसे कठोर व्रत है। इसका सभी को पालन करना चाहिए। साधुओं को स्त्री में आसक्ति नहीं रखनी चाहिए।
वे रविवार को धोइंदा उपनगर की एक धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
राजसमंद के उप नगर धोइंदा में रविवार को धर्मसभा में शामिल श्रावक।
आचार्य ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को नियमों का पालन करना चाहिए। स्त्री की तरह पुरुष को भी पत्नी व्रत होना चाहिए। व्यक्ति को विकारों से बचना चाहिए। विकारों से बचने के लिए दृष्टि, विचार पर संयम रखना चाहिए। एक विद्यार्थी को भी संयम रखना चाहिए। संयम रखने पर ही व्यक्ति सफल हो सकता है, जिसके पास संयम है, उसके पास सबसे बड़ी संपत्ति है। आचार्य ने नशा मुक्त जीवन की सीख दी। उन्होंने कन्या भ्रुण हत्या को पाप बताते हुए इस पर पाबंदी की सीख दी। उन्होंने कहा कि जीवन मेंं अच्छा व्यवहार करें। लोगों को अच्छा व्यवहार करने का संकल्प लेना चाहिए, जहां संकल्प कमजोर पड़ता है, वहां व्यक्ति घुटने टेक देता है। किसान अन्नदाता है, वह अन्न देता है।
इस तरह से वह मानव की सेवा भी करता है। किसानों को नशा नहीं करना चाहिए। साध्वी कनक प्रभा ने कहा कि आज का भौतिक युग है। भौतिक युग में काफी सुख संसाधन हैं। इसके बावजूद व्यक्ति के पास शांति नहीं है। व्यक्ति को शांति पाने के लिए संतों की शरण में आना पड़ता है। आज लोग जितने संपन्न हैं, उतने ही दुखी हैं। व्यक्ति में मोबाइल का रोग सबसे बड़ा रोग है। मोबाइल के कारण ही व्यक्ति अपने लिए समय नहीं निकाल पाता है। वह दिनभर मोबाइल से चिपका रहता है। टीवी का प्रभाव भी व्यक्ति के जीवन में है। व्यक्ति खाना खाते समय भी टीवी देखना नहीं छोड़ता है। धर्मसभा में सैकड़ों श्रावक मौजूद थे।
राजसमंद. धोइंदा में आचार्य महाश्रमण प्रवेश के दौरान नमन करते श्रावक
आचार्य ने अणुव्रत शिक्षा सदन में पगल्ये धरे
आचार्य महाश्रमण ने शनिवार तड़के गांधी सेवा सदन से विहार कर राष्ट्रीय अणुव्रत शिक्षा संसद संस्थान के कार्यालय में पगल्ये धरे। संस्थान के अध्यक्ष भीखमचंद नखत, डॉ. हीरालाल श्रीमाली, मंत्री सोहनलाल धाकड़, कोषाध्यक्ष महेश नानावटी, राष्ट्रीय सह संयोजक धर्मचंद जैन, सरवर खान पठान, प्रो. रचना गौड़, सागरमल कावडिय़ा, संपत मल सुराणा सहमंत्री चंद्रशेखर दैराश्री आदि ने आचार्य की अगवानी की। आचार्य ने संस्थान के सभी कमरों का अवलोकन कर सेवा सदन के क्रियाकलापों की जानकारी ली।